Expected From Rail Budget: रेल बजट में नए डिवीजन का मुख्यालय जम्मू में स्थापित होने की रेल बजट में उम्मीद
रेल मंत्रालय के उदासीन रवैये से करीब सात हजार रेलकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। राजनीतिक खींचतान के चलते डिवीजन के गठन में लगातार देरी हो रही है। डिवीजन का मुख्यालय जम्मू में बनना लगभग तय है
जम्मू, जागरण संवाददाता : नौ वर्ष पूर्व गठित जम्मू रेल डिवीजन के सरकारी फाइलों से निकल कर जमीन पर आने की आस इस रेल बजट में जगी है। रेल मंत्रालय के उदासीन रवैये से करीब सात हजार रेलकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। राजनीतिक खींचतान के चलते डिवीजन के गठन में लगातार देरी हो रही है। डिवीजन का मुख्यालय जम्मू में बनना लगभग तय है, लेकिन केन्द्र में बैठे एक मंत्री मुख्यालय को उधमपुर में स्थापित करने की जीद पर अड़े है।
रेल कर्मियों के दबाव के बाद वर्ष 2018 में रेलवे बोर्ड ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जो रेल डिवीजन खोलने की संभावनाएं तलाशेंगी। कमेटी के सदस्यों ने जम्मू का दौरा भी किया था, लेकिन अभी तक डिवीजन मुख्यालय खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। जम्मू रेल डिवीजन स्थापित होने के बाद जम्मू में एडीआरएम स्तर का अधिकारी तैनात कर दिया गया है, जो बीते कई वर्षों से जम्मू में बिना कार्यालय के ही तैनात रहे।
देश का सबसे बड़ा रेल डिवीजन है फिरोजपुर : फिरोजपुर रेल डिवीजन में पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के 1800 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर गाड़ियों का परिचालन होता है। इस डिवीजन में 239 छोटे एवं रेलवे स्टेशन आते हैं। पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में रेलवे के विस्तार की मंशा से फिरोजपुर रेलवे डिवीजन से अलग कर जम्मू रेलवे डिवीजन के नाम से करीब सात वर्ष पूर्व एक नया रेल डिवीजन घोषित हुआ था। 24 फरवरी, 2012 को तत्कालीन केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर जम्मू रेलवे डिवीजन बनाने की घोषणा की थी। नए रेलवे डिवीजन के अस्तित्व में आने की कवायद चल रही थी। कर्मचारियों की तैनाती भी शुरू हो गई थी। इसी बीच चुनाव हुए और केंद्रीय सत्ता पर दूसरा दल काबिज हो गया। सत्ता परिवर्तन के साथ ही जम्मू रेलवे डिवीजन के गठन पर ग्रहण लग गया।
300 करोड़ रुपये में स्थापित होना है नए रेल डिवीजन का ढांचा : नए डिवीजन के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इन रुपयों से इमारत और अन्य कार्यों के लिए खर्च होने की संभावना है। इतनी अधिक धनराशि रेल बजट में ही जारी की जा सकती है। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष रेल बजट के दौरान रेल कर्मी इस उम्मीद में रहते हैं कि नए रेलवे डिवीजन के मुख्यालय के बारे में घोषणा होगी।