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गुलाम जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की दुर्दशा देख भर आई हिंदुओं की आंखें, बोले- आखिर कब होगा इन संरक्षण

जम्मू के भोर कैंप में आयोजित प्रदर्शनी में खस्ताहाल मंदिरों और गुरुद्वारों की तस्वीर बयां की गई। इस दौरान गुलाम जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की दुर्दशा देख हिंदुओं की आंखें भर आई। उनके मुख से बस यही निकला-आखिर कब होगा इनका संरक्षण। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 07 Mar 2023 04:17 AM (IST)
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गुलाम जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की दुर्दशा देख भर आई हिंदुओं की आंखें

जम्मू, जागरण संवाददाता। गुलाम जम्मू-कश्मीर में स्थित मंदिरों की जर्जर हालत देख सोमवार को जम्मू में हिंदुओं की आंखें भर आईं। मंदिर ही नहीं, गुलाम जम्मू-कश्मीर में गुरुद्वारे भी खंडहर हो रहे हैं। जम्मू के भोर कैंप में गुलाम जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों की समस्याओं के निवारण के लिए आयोजित शिविर में लगी प्रदर्शनी में इन खस्ताहाल मंदिरों की तस्वीरें देख हर किसी के मुख से सिर्फ यही शब्द निकल रहे थे कि इनके संरक्षण का रास्ता कब निकलेगा।

फोटो प्रदर्शनी में गुलाम जम्मू-कश्मीर में स्थित 12 दुर्लभ मंदिरों और गुरुद्वारों की तस्वीरों को पेश किया गया। इसमें गुरुद्वारा मंगला डैम मीरपुर, गुरुद्वारा रावलाकोट, बाणगंगा मंदिर कोटली, रघुनाथ मंदिर मंगला डैम मीरपुर, मंगला माता मंगला डैम मीरपुर, शिव मंदिर मंगला डैम मीरपुर, सीता राम मंदिर मुजफ्फराबाद, सन टेंपल मोनधोले, शिव मंदिर मीरपुर सिटी, शारदा पीठ मंदिर मुजफ्फराबाद, कीर्तनगढ़ गुरुद्वारा मीरपुर, ननकीयानागढ़ गुरुद्वारा (मीरपुर) आदि शामिल हैं।

गुलाम जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की हो रही दुर्दशा

तस्वीरों में स्पष्ट दिख रहा है कि गुलाम जम्मू कश्मीर में मंदिरों की दुर्दशा हो रही है। कुछ में तो तोड़ फोड़ भी हो चुकी है। मंगला डैम मीरपुर में मंगला माता की फोटो को इस शिविर में दर्शाया गया। मंगला डैम के शिव मंदिर की स्थिति भी ठीक नहीं है।

पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) विस्थापित सेवा समिति के प्रतिनिधि अविनाश ने बताया कि गुलाम जम्मू-कश्मीर में मंदिरों और गुरुद्वारों की हालत ठीक नहीं है। इसलिए समिति ने इन मंदिरों और गुरुद्वारों की नवीनतम स्थिति की तस्वीरें प्राप्त कीं। अब इन तस्वीरों को एलजी स्पेशल गवर्नेंस कैंप में प्रदर्शित किया गया। यह इसलिए ताकि सरकार का ध्यान इस ओर जाए और इन मंदिरों को संरक्षित करने की कोई राह निकल सके।