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Kisan Rail Roko Andolan: कृषि कानून के विरोध में जम्मू में भी किसानों ने रेल पटरी पर दिया धरना

केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के रेल रोका अभियान को जम्मू में भी समर्थन मिला। यूनाइटेड किसान फ्रंट जम्मू कश्मीर के नेतृत्व में किसानों ने छन्नी हिम्मत स्थित रेलवे फाटक पर धरना दिया और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Thu, 18 Feb 2021 02:01 PM (IST)
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यूनाइटेड किसान फ्रंट जम्मू कश्मीर के नेतृत्व में किसानों ने छन्नी हिम्मत स्थित रेलवे फाटक पर धरना दिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता । केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के रेल रोका अभियान को जम्मू में भी समर्थन मिला। यूनाइटेड किसान फ्रंट जम्मू कश्मीर के नेतृत्व में किसानों ने छन्नी हिम्मत स्थित रेलवे फाटक पर धरना दिया और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की।

यूनाइटेड किसान फ्रंट के धरने में शामिल लोगों का कहना था कि सरकार किसानों पर जबरदस्ती यह कानून थोप रही है। यह कानून किसान विरोधी है जो कुछ पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए बनाया गया है। इस कानून में न्यूनतम खरीद मूल्य को लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं है। ऐसे में किसानों को उनकी फसल का क्या मिलेगा, इस पर भी कोई स्पष्ट बात नहीं है। वहीं इस कानून के बनने से मंडियां बंद हो जाएगी जिसका सीधा असर छोटे किसानों पर लोगों पर पड़ेगा। छोटे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार नहीं मिलेगा और लोगों को पूंजीपतियों से महंगा अनाज खरीदना पड़ेगा क्योंकि वे उसे गोदामों मेें रखकर धीरे धीरे बाजार में उतारेंगे जिससे बाजार में खाने पीने के सामान की कमी भी आएगी।

वहीं फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि वे दिल्ली बार्डर पर धरना दे रहे किसानों का अपना पूरा समर्थन देते हैं। जब तक कानून वापस नहीं होगा किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस एक दिवसीय रेल रोकाे अभियान का आयोजन किसान संगठनों ने दोपहर बारह से शाम चार बजे तक किया जिस कारण उत्तर भारत में रेलों के आवागमन पर भी असर पड़ा। जम्मू में हालांकि कोरोना के चलते कम ही ट्रेनें आ रही हैं लेकिन उनकी आवाजाही भी इस आंदोलन के चलते प्रभावित हुई हैं।