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Jammu News: जम्मू-कश्मीर में बनेगा फिंगर प्रिंट ब्यूरो, 73 पदों के सृजन को मिली मंजूरी; अपराध पर लगेगी लगाम

आतंक और अपराध की गतिविधियों का जल्द और सटीक खुलासा करने के लिए जम्मू में फिंगर प्रिंट ब्यूरो (Finger print bureau) का गठन किया जाएगा। इसके लिए 73 पदों के सृजन को मंजूरी मिल गई है। एफपीबी (FPB) के गठन से अपराधियों और आतंकियों की शिनाख्त करने उन्हें उनके अपराध का दंड दिलाने में जम्मू पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी।

By naveen sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 01 Jan 2024 11:11 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में बनेगा फिंगर प्रिंट ब्यूरो, 73 पदों के सृजन को मिली मंजूरी।
नवीन नवाज, जम्मू। जम्मू-कश्मीर को आतंक और अपराधमुक्त बनाने के अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश में एक उंगली चिह्न ब्यूरो (एफपीबी-फिंगर प्रिंट ब्यूरो ) का गठन होगा। इसकी कमान एसएसपी रैंक के एक अधिकारी के पास रहेगी। एफबीपी के लिए प्रदेश प्रशासन ने एसएसपी रैंक से लेकर कांस्टेबल तक 73 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है।

जम्मू कश्मीर में एफपीबी नहीं है। बीते कई वर्ष से पुलिस संगठन इसकी मांग कर रहा था। इसकी अनुपस्थिति में कई बार अपराधियों की उंगलियों के निशान की पुष्टि के लिए पुलिस को सीएफएल की मदद लेनी पड़ती थी और इससे कई बार जांच प्रभावित होती थी। एफपीबी के गठन से अपराधियों और आतंकियों की शिनाख्त करने, उन्हें उनके अपराध का दंड दिलाने में पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी।

कुल 73 पदों के सृजन को दी मंजूरी

गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एफपीबी के गठन के लिए आवश्यक अधिकारियों व कर्मियों के पदों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसमें एसएसपी और एसपी रैंक के एक-एक, डीएसपी रैंक के दो, इंस्पेक्टर रैंक के सात, सब इंस्पेक्टर रैक के 22, हेडकांस्टेबल रैंक के सात, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल रैंक के 28 पद शामिल हैं। इनके अलावा इंस्पेक्टर स्टैना और इंस्पेक्टर मिनिस्ट्रीयल, संब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर मिनिस्ट्रीयल के अलावा हेड कांस्टेबल मिनिस्ट्रीयल का एक-एक पद है।

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उन्होंने बताया कि एफपीबी में तैनात किए जाने वाले इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और हेडकांस्टेबल व अन्य कर्मियों को उंगलियों के निशान प्रापत करने, उनके आकलन-संरक्षण व अन्य संबंधी कार्यों का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। एफपीबी को अत्याधुनिक उपरकण व बुनियादी ढांचागत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि यह अपना काम बखूबी कर सकते।

उंगली चिह्न ब्यूरो का काम

अपराध विवेचना में उंगली के निशान दो तरह से पहचान में इस्तेमाल किए जाते हैं – व्यक्तिगत शिनाख्त और इत्तेफाकन छाप शिनाख्त। व्यक्तिगत शिनाख्त में हिरासत में रखे व्यक्ति की वास्तविक शिनाख्त स्थापित करना शामिल है। उंगली के निशान का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक उपयोग अपराध स्थल से उठाए गए उंगली के निशान का अपराध करने वाले अपराधी से संबंध स्थापित करना होता है और इसे ‘इत्तेफाकान निशान’ शिनाख्त कहा जाता है।

इस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए फिंगर प्रिंट ब्यूरो में दोष सिद्ध व्यक्तियों के उंगली के निशान अपराधों के अलग अलग वर्गों के तहत रखे जाते हैं। ये रिकॉर्ड दो वर्गों में रखे जाते हैं – व्यक्तिगत शिनाख्त के लिए वर्गीकरण की हेनरी प्रणाली के तहत दस उंगली निशान रिकार्ड। दूसरा – अपराध स्थल से लिए गए उंगली के निशान के लिए एकल उंगली रिकॉर्ड वाली बैटले वर्गीकरण प्रणाली का प्रयोग।

तकनीक से सनसनीखेज अपराधों की आती सच्चाई सामने

सौ वर्षों के दौरान विकसित इस प्रणाली ने विश्व भर में सनसनीखेज अपराधों में सच्चाई को सामने लाने के लिए जांचकर्ता के अचूक औजार के रूप में अपनी क्षमता स्थापित की है। सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ यह प्रणाली, जिसे विशेषज्ञों के हस्त-चालित प्रयासों द्वारा चलाया जाता है, त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वचालित की जा रही है।

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