Jammu Kashmir Encounter: सुरक्षाबलों व आंतकियों के बीच मुठभेड़, 10 मिनट तक चली गोलियां... घेराबंदी तोड़ की भागने की कोशिश
जम्मू कश्मीर में साल 2024 की सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच पहली मुठभेड़ है और यह मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर के अडीगाम मोहनपोरा (कुलगाम) में हुई। बुधवार की रात इलाके में गोलियों की आवाज गूंज उठी और इस दौरान सुरक्षाबलों की घेराबंदी तोड़ आतंकियों ने भागने के लिए फायरिंग की। इसके बाद यहां मुठभेड़ शुरु हो गई। सुरक्षाबलों को तीन स्थानीय आतंकियों के यहां छिपे होने की सूचना मिली थी।
राज्य ब्यूरो श्रीनगर। First Encounter Of 2024 In Kulgam: दक्षिण कश्मीर के अडीगाम, मोहनपोरा (कुलगाम) में बुधवार की रात को उस समय गोलियों की आवाज गूंज उठी, जब सुरक्षाबलों की घेराबंदी तोड़ भागने के लिए आतंकियों ने फायरिंग की। इसके साथ ही मुठभेड़ शुरु हो गई।
यह वर्ष 2024 की कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच पहली मुठभेड़ है। एक संबधित अधिकारियों ने बताया कि तीन स्थानीय आतंकियों के गांव में छिपे होने की सूचना पर सेना की 34 आरआर और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर पुलिस ने बुधवार को सूर्यास्त के बाद तलाशी अभियान चलाया।
आंतकियों ने फायरिंग कर भागने का किया प्रयास
सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए जैसे ही गांव में आगे बढ़ते तो एक बाग के साथ सटे मकान में छिपे आतंकियों ने उनपर अपने स्वचालित हथियारों से फायरिंग कर भागने का प्रयास किया। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया।इसके साथ ही जवानों ने आतंकी ठिकाना बने मकान को घेर लिया। जवानों ने साथ सटे अन्य मकानों से कई लोगों को सुरक्षित जगह पर भी पहुंचाया ताकि उन्हें किसी प्रकार का नुक्सान न हो।
आतंकियों की संख्या की नहीं हुई पुष्टी
मौके पर मौजूद अधिकारियों ने घेराबंदी में फंसे आतंकियों की संख्या और उनके नामों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक मेाहनपोरा का रहने वाला एक आतंकी मुश्ताक इट्टु अपने कुछ साथियों संग आज शाम को इसी इलाके में देखा गया था।ये भी पढ़ें- पार्टी की नीतियों से प्रभावित हो रहे लोग, थाम रहे शिवसेना का दामन
उन्होंने बताया कि लगभग 10 मिनट तक गांव में गोलियों की आवाज सुनी गई और उसके बाद गोलियां चलना बंद हो गई। संबधित अधिकारियों ने बताया कि फायरिंग को रोका गया है। ताकि अंधेरे में किसी नागरिक को किसी प्रकार का नुक्सान न पहुंचे, लेकिन आतंकियों के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
उनके ठिकानों के चारों तरफ फ्लड लाइटस से रोशनी की गई है। घेराबंदी में शामिल जवानों को कहा गया है कि वह सिर्फ आतंकियों की हरकत को देखकर या फिर उनकी फायरिंग के जवाब में ही फायर करें।ये भी पढ़ें- सड़क हादसों के पचास फीसदी मामले हिट एंड रन से जुड़े, यहां देखें जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े
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