Gulmarg Snowfall: कम बर्फबारी होने से पर्यटकों में छाई मायूसी, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- गुलमर्ग को इतना सूखा कभी नहीं देखा
जम्मू-कश्मीर में कम बर्फबारी होने के कारण जहां एक ओर पर्यटकों में मायूसी छाई हुई है। वहीं पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपनी पिछले साल और इस साल की तस्वीर को शेयर करते हुए बर्फबारी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा कि गुलमर्ग को इतना सूखा कभी नहीं देखा। अगर जल्द ही बर्फबारी न हुई तो आने वाले दिनों में गर्मी दुखद होने वाली है।
एजेंसी (पीटीआई), श्रीनगर। कश्मीर से बड़ी संख्या में पर्यटक बिना बर्फबारी का अनुभव किए घर लौट आए हैं। इस सर्दी में घाटी में बर्फबारी की कमी से न केवल पर्यटन और संबंधित गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। गुलमर्ग में बर्फबारी (Snow in Gulmarg) को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी चिंता जाहिर की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 6 जनवरी 2022 और 2023 की तस्वीरों शेयर करते हुए एक्स पर बर्फबारी को लेकर निराशा जाहिर की है। वो स्कीइंग के लिए काफी उत्साहित रहते हैं, उन्होंने पहाड़ों में बर्फ की कमी पर चिंता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा कि गर्मियों में घाटी के निवासियों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती है।
उमर अब्दुल्ला ने शेयर की पिछले और इस साल की तस्वीरें
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि "मैंने गुलमर्ग को सर्दियों में इतना सूखा कभी नहीं देखा। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, यहां पिछले सालों की कुछ तस्वीरें हैं, दोनों 6 जनवरी को ली गई हैं। अगर यहां जल्द बर्फबारी नहीं हुई तो गर्मी दुखद होने वाली है। मेरे जैसे स्कीयरों के लिए तो कुछ भी नहीं है जो ढलान पर जाने के लिए इंतजार नहीं कर सकते, लेकिन वहां स्की करने के लिए कुछ भी नहीं है।
I’ve never seen Gulmarg so dry in the winter. To put this in to perspective here are a couple of photographs from previous years, both taken on the 6th of Jan. If we don’t get snow soon the summer is going to be miserable. Not to mention skiers like me who can’t wait to get on… https://t.co/6Bj2umfGJq pic.twitter.com/gkhMZ49XSf
बर्फबारी न होने के कारण पर्यटकों में भी निराशा
नए साल की पूर्व संध्या पर गुलमर्ग क्षेत्र में स्कीइंग और बर्फ से जुड़ी अन्य गतिविधियों का आनंद लेने की उम्मीद में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे, लेकिन बर्फबारी न होने के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
दिल्ली से आए एक पर्यटक ने कहा कि हमने गुलमर्ग में बर्फ का आनंद लेने के लिए 3 जनवरी से 9 जनवरी तक सात दिनों का पैकेज बुक किया था, लेकिन बर्फ नहीं है। हमने पूरे स्थान पर सफेद परिदृश्य की उम्मीद की थी, लेकिन यह उत्तर भारत के किसी अन्य क्षेत्र की तरह खाली है।
बर्फबारी न होने पर पर्यटकों में मायूसी
अपने परिवार के साथ आए मिस्टर सिंह ने बताया कि वो अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ घाटी में आए थे। अपने बच्चों को स्कीइंग और जेट-स्की की सवारी से परिचित कराने की प्लानिंग थी, लेकिन सभी योजनाएं विफल हो गईं। उन्होंने कहा कि मै साल 2005 से लगातार कश्मीर आता रहा हूं और इस साल, अपने बच्चों को स्कीइंग सिखाने की उम्मीद से अपने परिवार को साथ लाया था। बर्फ नहीं होने के कारण हमें फिर से आना पड़ेगा।
पर्यटन उद्योग में भी डाल रही प्रतिकूल असर
पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को भी चिंता सता रही है कि सर्दियों में कश्मीर में बर्फबारी नहीं होने से घाटी के हजारों लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। टूर ऑपरेटर मुजफ्फर अहमद ने कहा कि यह सर्दी हमारे व्यापार के लिए बहुत खराब प्रभाव डाल रही है। हालांकि, कश्मीर एकमात्र जगह नहीं है जहां बर्फ की कमी देखी गई है, हमारा शीतकालीन पर्यटन ज्यादातर बर्फबारी पर निर्भर करता है।
बर्फबारी न होने से होगा फसलों को नुकसान
स्थानीय किसानों के अनुसार, इस सर्दी में कश्मीर के ऊंचे इलाकों में भी बहुत कम बर्फबारी होने से घाटी में कृषि उपज बुरी तरह प्रभावित हो सकती है, जबकि निवासियों के लिए भी समस्याएं होंगी क्योंकि उन्हें पर्याप्त पीने का पानी नहीं मिलेगा।
नौगाम के किसान मोहम्मद अकबर गनई ने कहा कि गर्मियों की शुरुआत में कश्मीर के ऊंचे इलाकों में बर्फ का पिघलना हमारी नदियों और झरनों के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। पहाड़ों पर बर्फ नहीं होने से मैदानी इलाकों में लोगों को परेशानी होगी, फसलों को नुकसान होगा। सिंचाई के लिए पानी की कमी होगी।
एक अन्य एक्स उपयोगकर्ता ने गुलमर्ग गोल्फ कोर्स में जंगल की आग का एक वीडियो पोस्ट किया। जो जनवरी के महीने में अब तक अकल्पनीय घटना थी। फरहत नाइक ने अपने पोस्ट में लिखा कि लंबे समय तक सूखे के बीच, गुलमर्ग गोल्फ कोर्स के एक हिस्से में जंगल की आग लग गई है। अग्निशमन सेवा सक्रिय रूप से स्थिति का प्रबंधन कर रही है और वर्तमान में यह नियंत्रण में है।
25 जनवरी तक कोई बर्फबारी न होने की संभावना: IMD
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारी ने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में शीतकालीन बर्फबारी में भारी कमी आई है। गणतंत्र दिवस से पहले स्थिति में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
आईएमडी लेह के निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि 25 जनवरी तक किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ या बर्फबारी का कोई पूर्वानुमान नहीं है। लेह में मौसम केंद्र की उपग्रह छवि ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने की गंभीर तस्वीर दिखाती है, जो हमारे अमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं।
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2 फरवरी से होने वाले राष्ट्रीय शीतकालीन खेल का आयोजन भी खतरे में
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2023 में 79 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि इस साल जनवरी के पहले 10 दिन भी सूखे रहे हैं। यदि आईएमडी का पूर्वानुमान सही रहता है तो यह चौथे खेलो इंडिया राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों के आयोजन को खतरे में डाल देगा, जो 2 फरवरी से गुलमर्ग में आयोजित होने वाले हैं।