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ये चार जिले तय करेंगे कांग्रेस का भविष्य, 10 साल पहले नहीं खुला था खाता; टिकट वितरण की नाराजगी बनी सिरदर्द

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां पूरे दमखम से लगी हैं। कांग्रेस भी इस बार नेकां से गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का भविष्य आखिरी चरण में होने वाले मतदान पर टिका है। जम्मू के चार जिलों की 24 सीटों पर कांग्रेस का दस वर्ष पूर्व खाता नहीं खुला था।

By rohit jandiyal Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 21 Sep 2024 06:41 PM (IST)
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टिकट वितरण से नाराजगी ने बढ़ा दी कांग्रेस की चुनौती (फाइल फोटो)

रोहित जंडियाल, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होना है। सभी राजनीतिक दल इसमें अपना पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन जम्मू संभाग में कांग्रेस का भविष्य तीसरे चरण में होने वाले मतदान पर टिका हुआ है।

इस चरण में जम्मू, उधमपुर, कठुआ और सांबा में मतदान होना है। दस वर्ष पहले चारों जिलों में खाता खोलने में नाकाम रही कांग्रेस इन सीटों पर पूरा दांव खेल रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी तक यहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रियंका गांधी को भी लाने का प्रयास है।

हिंदू बाहुल्य जिलों में नहीं खुला था खाता

जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार वर्ष 2014 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इनमें कांग्रेस को 12 सीटें मिली थी। लेकिन जम्मू संभाग के चार प्रमुख हिंदू बाहुल्य जिलों जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। कश्मीर केंद्रित कही जाने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू जिले में दो सीटें जीत ली थी लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। कई दिग्गज चुनाव हार गए थे।

टिकट वितरण से नाराजगी से कांग्रेस की राह चुनौतीपूर्ण

दस वर्ष में पहले पीडीपी-भाजपा सरकार और फिर उपराज्यपाल प्रशासन के कारण इन जिलों में भाजपा के प्रति पहले असंतोष दिख रहा था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों और कांग्रेस में टिकट वितरण से पैदा हुई नाराजगी ने इस बार फिर से कांग्रेस के लिए चारों जिलों में राहें चुनौतीपूर्ण बना दी हैं। हालांकि इस बार कांग्रेस-नेकां गठबंधन के कारण कुछ सीटों पर कांग्रेस को उम्मीद भी बंधी है। कांग्रेस इस बार इन चार जिलों की 24 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

जम्मू की 11 सीटों पर BJP-Congress से सीधा मुकाबला

जम्मू जिले की 11 सीटों में आरएस पुरा-गांधीनगर, बाहु, मढ़, सुचेतगढ़, छंब, जम्मू पूर्व, बिश्नाह सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। जम्मू नार्थ सीट कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए छोड़ी हुई है।

छंब में सीट न मिलने से पूर्व सांसद मदन लाल शर्मा के बेटे सतीश शर्मा अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बाहु सीट से भी कांग्रेस के कई और नेता टिकट की दौड़ में थे।

आरएस पुरा-गांधीनगर सीट से बेशक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमन भल्ला चुनाव लड़ रहे हें लेकिन यहां से भी पार्टी के एक ओर वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ना चाहते थे। बाद में उन्हें एक अन्य सीट से उम्मीदवार बनाया गया।

सांबा जिले में दो सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस

सांबा जिले की तीन सीटों में से कांग्रेस दो सीटों रामगढ़ और सांबा में चुनाव लड़ रही है। एक सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस को दी गई है। रामगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मंत्री यशपाल कुंडल भाजपा को टक्कर दे रहे हैं। वर्ष 2014 में सांबा जिले की दो सीटें थी और दोनों पर कांग्रेस चुनाव हार गई थी।

उधमपुर में चार सीटों में से दो पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। चिनैनी-घोरड़ी पैंथर्स तो उधमपुर पूर्व नेशनल कॉन्फ्रेंस को दी है। रामनगर से कांग्रेस ने भाजपा के बागी हुए मूलराज को टिकट दी है तो उधमपुर से युवा नेता सुमित मगोत्रा उम्मीदवार बनाए गए हैं।

कठुआ में 4 पर कांग्रेस 2 पर नेकां लड़ रही चुनाव

कठुआ जिले की छह सीटों में से कठुआ सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस को दी गई है। पांच सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। इनमें बिलावर सेजं पूर्व मंत्री मनोहर लाल और बसोहली से पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। अब यह देखना है कि कांग्रेस इस बार इन चार जिलों में कितनी सीटें जीत कर जम्मू संभाग में अपनी उपस्थिति बनाए रखती है।

जम्मू पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस इस बार अधिकांश सीटें जीतेगी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन के कारण कुछ सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़नी पड़ती है लेकिन यह सब भाजपा और आरएसएस को हराने के लिए किया गया है।

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कांग्रेस लगा रही जोर

कांग्रेस अब तीसरे चरण में इन चार जिलों पर पूरा जोर लगा रही है। राहुल गांधी जहां 25 सितंबर को जम्मू में रैली कर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेगे। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान मल्लिकार्जुन खौड़ में रैली कर चुके हैं। प्रियंका गांधी को भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन या उससे एक दिन पहले जम्मू में लाने का पूरा प्रयास हो रहा है।

पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि प्रियंका गांधी की रैली और रोड शो के लिए कार्यक्रम बनाकर भेजा गया है। उम्मीद है कि वह चुनाव प्रचार करने आएंगी। सचिन पायलट पहले ही रमन भल्ला के लिए प्रचार कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त कन्हैया कुमार, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेरा भी अंतिम चरण में आ रहे हैं।

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