गलवान के चार साल: चीन को मुंह तोड़ जवाब देने वाले सैनिकों के अदम्य साहस को सलाम, तिरंगा फहराकर जांबाजों को किया याद
Four Years of Galwan गलवान के चार साल पूरे हो गए हैं। हिसंक संघर्ष में सेना की 16 बिहार रेजीमेंट के कमान अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना के बीस वीरों ने बलिदान दिया था। पहले भारतीय सैनिकों ने गलवन में असाधारण बहादुरी का परिचय देते हुए हाथों हाथ चीन के सेना के 45 के करीब सैनिक मारे गए थे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। Four Years of Galwan: हिमालय प्रदेश लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तिरंगा फहराने वाले भारतीय सैनिक चीन को चुनौती दे रही है कि फिर गलवान दोहराने की कोशिश हुई तो इस बार आघात और भी घातक होंगे।
चार साल पहले भारतीय सैनिकों ने दिखाया था कमाल
ठीक चार साल पहले भारतीय सैनिकों ने गलवान में घुसपैठ कर आए चीन की सेना के साथ हाथों हाथ लड़ाई कर उसे मार भगाया था। हिसंक संघर्ष में सेना की 16 बिहार रेजीमेंट के कमान अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना के बीस वीरों ने बलिदान दिया था।
शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख के गलवान में जोश से भरे भारतीय सैनिकों ने चीन के सामने तिरंगे लहराकर अपने बलदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ उनके पद्चिन्हों पर चलने का प्रण लिया। ऐसा कर उन्होंने चीन द्वारा किए गए जा रहे दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब भी दिया।
चीन की सेना के मारे गए थे 45 सैनिक
पहले भारतीय सैनिकों ने गलवान में असाधारण बहादुरी का परिचय देते हुए हाथों हाथ चीन के सेना के 45 के करीब सैनिक मारे गए थे। कई चीनी सैनिक गलवान नदी में बह गए थे।
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चीन सेना अपनी मौतों पर पर्दा डालने के साथ अपने युवाओं को गलवान की असलियत के बारे में गुमराह कर उन्हें सैनिक बनने के लिए उकसा रहा है। ऐसे में शुक्रवार को भारतीय सैनिकों ने गलवान में तिरंगा लहराकर संदेश दिया कि चीनी सैनिकों को मातृभूमि के पास फटकने नही दिया जाएगा।
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