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G20 Summit: पहली बार कश्मीर में सरकारी आयोजन पर नहीं हुआ बंद या हड़ताल का ऐलान, बदल रही फिजा

बीते चार वर्ष में जो बदलाव आया है वह अब यहां की आबोहवा में भी असर कर चुका है। 33 वर्ष में पहली बार कश्मीर में विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के सरकारी आगमन पर बंद या हड़ताल का एलान नहीं हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 22 May 2023 02:00 AM (IST)
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G20 Summit: पहली बार कश्मीर में सरकारी आयोजन पर नहीं हुआ बंद या हड़ताल का ऐलान, बदल रही फिजा
श्रीनगर, नवीन नवाज : कश्मीर पूरी तरह बदल चुका है। बीते चार वर्ष में जो बदलाव आया है वह अब यहां की आबोहवा में भी असर कर चुका है। बीते 33 वर्ष में पहली बार कश्मीर में विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के सरकारी आगमन पर बंद या हड़ताल का एलान नहीं हुआ है बल्कि हरेक कोई इस पल को देखने को बेताब है। श्रीनगर दुल्हन की तरह सजा है। जगह-जगह विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए पोस्टर व बैनर नजर आ रहे हैं।

सोमवार से शुरू हो रहा कार्यक्रम 

कलाकार, समाजसेवी और कारोबारी इंटरनेट मीडिया पर अपने वीडियो अपलोड कर जी-20 सम्मेलन में भाग लेने आ रहे मेहमानों का स्वागत करते हुए कश्मीर से जुड़ी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि एक बार आकर कश्मीर को निहारो, यूं ही कश्मीर धरती पर स्वर्ग नहीं है, कश्मीर का मौसम ही नहीं पत्ता-पत्ता खूबसूरत है।

जी-20 पर्यटन कार्यसमूह का तीन दिवसीय सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है। तीन दशक के दौरान कई बार विदेशी राजनयिक कश्मीर आए हैं, लेकिन वह किसी सम्मेलन में भाग लेने नहीं अपने स्तर पर या किसी अन्य कारण विशेष से आए हैं।

5 अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में आया बदलाव 

अगर कभी केंद्र व राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कोई विदेशी राजनयिक आता तो बंद या हड़ताल का ऐलान हो जाता। इसके अलावा सरकारी स्तर के छोटे-बड़े आयोजनों पर भी हड़ताल से लेकर आतंकी हमला जरूर होता। कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रशासन को निषेधाज्ञा का सहारा लेना पड़ा है। क्योंकि उस समय आतंकी संगठनों से लेकर अलगाववादियों की मर्जी चलती। पांच अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में हालात क्या बदले जी-20 सम्मेलन के स्वागत के लिए बेखौफ होकर लोग कह रहे हैं कि इसे कामयाब बनाएंगे।

सड़कें व बाजार सजे 

इंटरनेट मीडिया पर अपलोड वीडियो में मशहूर गायक बिलाल कहते हैं कि वह कश्मीर में जी-20 की मेजबानी के लिए सरकार का आभार जताते हैं। यह सिर्फ पर्यटन और व्यापार के लिए ही नहीं कला व कलाकारों के लिए भी अच्छा अवसर है। गांदरबल की जिला विकास परिषद की अध्यक्ष नुजहत ने कहा कि आओ कश्मीर को फिर से खुशहाल बनाने के लिए मिलकर आगे बढ़ें। शहर में सिर्फ डल झील और उसके किनारे स्थित बुल्वोड्र रोड ही नहीं लाल चौक, पोलो व्यू, रेजीडेंसी रोड समेत सभी प्रमुख बाजार और सड़कें सजी हुई हैं।

झेलम रिवर फ्रंट पर बने सेल्फी प्वाइंट पर तस्वीर ले रहे राशिद ने कहा कि जी-20 हम कश्मीरियों को फायदा पहुंचाया। यह दुनिया तक फैले अमन व तरक्की के माहौल का पैगाम पहुंचाएगा। लोग बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं।

परंपरागत परिधानों में स्वागत किया

ललित ग्रैंड होटल में पहुंचे विदेशी मेहमानों का स्वागत करने के कश्मीरी लोक कलाकार परंपरागत परिधानों में सुबह ही पहुंच गए। मेहमानों के स्वागत में वुन वुन गाती स्थानीय युवतियों के एक दल ने रौफ भी किया। आसिया नामक युवती ने कहा कि यह सम्मेलन कश्मीर की छवि बदलने का जरिया है। बाहर लोग यही सोचते हैं कि कश्मीर खतरनाक इलाका है,जहां लोग पत्थर मारते हैं। हम तो मेहमानों पर फूल बरसाते हैं।

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