Jammu News: जर्मन मशीन से बढ़ाएंगे आलू की पैदावार, कम श्रमिकों के जरिए एक दिन में हो सकती 8 एकड़ में बीज की बोआई
बिश्नाह क्षेत्र के सीमावर्ती इलाके में आलू की खेती के लिए जर्मनी से एक विशेष मशीन मंगवाई है। इस मशीन के जरिए कम श्रमिकों के होने पर खेतों में बोआई आसानी से की जा सकती है। इस मशीन के जरिए एक दिन में 8 एकड़ जमीन की बोआई हो सकती है। इसके लिए उन्नत किसान सौरभ सैनी ने 200 सदस्यों का एक समूह भी तैयार किया है।
संवाद सहयोगी, बिश्नाह। सीमावर्ती क्षेत्र में आलू की खेती करने वाले नामी किसान सौरभ सैनी पुत्र बसंत सैनी निवासी अरनिया ने अब आलू की खेती करने के लिए जर्मनी से विशेष मशीन मंगवाई है। इससे अब बेहतर तकनीक से आलू की खेती की जा सकेगी। अरनिया के सौरभ सैनी की अगुआई में अरनिया पोटेटो एंड एग्रो प्रोड्यूसर कोआपरेटिव लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई, जिसमें 200 सदस्य शामिल हैं।
श्रमिकों की कमी पर जर्मनी से मंगवाई मशीन
उसी कंपनी ने बॉर्डर पर 60 एकड़ उस आलू की किस्म की बोआई की है, जिससे चिप्स तैयार की जाती है। ग्रुप के निदेशक सौरभ सैनी ने बताया कि पिछले वर्ष हमें आलू लगाने में खासी परेशानी हुई थी। हमें आलू लगाने के लिए श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ा था। इस कारण हमने फैसला किया कि जर्मनी की आलू लगाने की तकनीक बहुत बढ़िया है।
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मशीन के जरिए एक दिन में आठ एकड़ जमीन पर बोआई
उन्नत किसान सौरभ सैनी ने बताया कि उन्होंने जर्मनी के कुछ लोगों से बात की। इसके बाद जर्मनी से हमने आलू लगाने के लिए विशेष मशीन मंगवाई है, जो एक दिन में आठ एकड़ जमीन पर आलू के बीज की बोआई कर सकती है। इस मशीन के आने से अब श्रमिकों की कमी से परेशान नहीं होना पड़ेगा, फसल भी अच्छी होगी।
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