चुनाव प्रचार में साथ होती हैं गुलाम नबी आजाद की बेटी, पिता का ख्याल रखने के साथ राजनीति समझ रहीं सोफिया
Jammu Kashmir Assembly Election जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन गुलाम नबी आजाद इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त है। वह पिछले दिनों बीमार थे और एम्स में भर्ती है। आजाद की बेटी सोफिया अपने पिता का ख्याल रखने के लिए उनके साथ चुनावी रैलियों में जा रही है। इसके साथ ही सोफिया राजनीति भी समझ रही हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। सेहत में सुधार के बाद चुनाव प्रचार कर रहे गुलाम नबी आजाद की बेटी सोफिया भी उनके साथ रैलियों में जा रही है। यह पहली बार है, जब आजाद की बेटी सक्रिय दिखी है। वह राजनीति में सक्रिय होने के साथ आजाद की सेहत का भी ख्याल रख रही है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में दो दिन रैली करने के बाद शनिवार को चिनाब घाटी का रुख किया।
एम्स में भर्ती थे गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद पिछले दिनों बीमार थे और एम्स में भर्ती रहे। तब उन्होंने प्रचार नहीं करने की बात कही थी, लेकिन सेहत में सुधार के बाद उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए वे प्रचार कर रहे हैं। रैलियों में आजाद की बेटी सोफिया का भी कार्यकर्ता स्वागत कर रहे हैं।
रैली को संबोधित करते हुए कही ये बात
आजाद ने शनिवार को डोडा में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आपने चुनावी घोषणापत्र नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणापत्र की आयु सिर्फ चौबीस घंटे होती है। यह लोगों व अपने आप को धोखा देने जैसा होता है।उन्होंने कहा कि आज मैं जिस जगह पर आया हूं कि मुझे बताया गया कि यहां जच्चा-बच्चा अस्पताल नहीं है। अब यह मेरे चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बन गया है। इस तरह जहां जाते हैं, वहां मुद्दे मिलते हैं।यह भी पढ़ें- J&K Election: जम्मू-कश्मीर में आधी आबादी फिर से दरकिनार, महिलाओं को प्रत्याशी बनाने का साहस नहीं दिखा सके बड़े दल
'काम करने वालों के लिए हर दिन ही घोषणापत्र होता है'
आजाद ने कहा कि उन्होंने जो काम किया है, उसका लोगों को सैकड़ों साल तक फायदा मिलेगा। ऐसी सड़के बनाई हैं, जो अब भी लोगों को राहत दे रही हैं। जिन इलाकों में जाने में दस दिन लगते थे, इन सड़कों की वजह से अब आधा दिन लगता है। काम करने वालों के लिए हर दिन ही घोषणापत्र होता है।आजाद ने गत दिवस श्रीनगर में कहा था कि नेताओं को जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए। जो चीज हो सकती है, वहीं बोलो, जो नहीं हो सकती, उसे मत बोलो।
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