Jammu News: छह दिवसीय दौरे पर कश्मीर पहुंचे गुलाम नबी आजाद, पार्टी का एक साल पूरा होने पर करेंगे रैली संबोधित
Jammu News गुलाम नबी आजाद छह दिवसीय दौरे पर कश्मीर पहुंचे हैं। आजाद छह अक्टूबर तक कश्मीर में रहेंगे और सात अक्टूबर को जम्मू का रुख करेंगे। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आजाद ने 26 सितंबर 2022 को अपनी पार्टी का गठन किया था। उस समय से लेकर आजाद लगातार जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर अपनी पार्टी का जनाधार मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद आज शनिवार को कश्मीर के छह दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे। पार्टी की स्थापना के एक साल पूरा होने पर श्रीनगर के जवाहर नगर में रविवार को आजाद रैली को संबोधित करेंगे। आजाद लगातार छह दिन तक कश्मीर में रहकर विभिन्न जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे।
सात अक्टूबर को जम्मू का करेंगे रुख
आजाद छह अक्टूबर तक कश्मीर में रहेंगे और सात अक्टूबर को जम्मू का रुख करेंगे। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आजाद ने 26 सितंबर 2022 को अपनी पार्टी का गठन किया था। उस समय से लेकर आजाद लगातार जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर अपनी पार्टी का जनाधार मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं।
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कश्मीर व जम्मू के अलावा उनका अधिक ध्यान चिनाब घाटी के रामबन, डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ पर अधिक रहा है। चूंकि आजाद भद्रवाह से आते है इसलिए इन इलाकों में अधिकतर नेता कांग्रेस से नाता तोड़ कर आजाद की पार्टी में शामिल हो चुके है।
आजाद ने पार्टी का एजेंडा पहले दिन से किया तय
पार्टी के वरिष्ठ नेता गौरव चोपड़ा ने बताया कि पार्टी के स्थापना के एक साल पूरा होने पर जम्मू कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में जनसभाएं व कार्यक्रम होंगे जो करीब एक सप्ताह तक चलेंगे। आजाद ने पार्टी का एजेंडा पहले दिन से तय किया है जिसमें जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाना, नौकरियां व भूमि के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करवाने जैसे मुख्य मुद्दे है। इसके अलावा जनहित के मुद्दों को भी पार्टी समय समय पर उठा रही है।
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आजाद का मकसद विधानसभा व लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को जमीनी सतह पर मजबूत करना है। बताते चलें कि जब आजाद ने पार्टी का गठन किया था तो उस समय कांग्रेस छोड़कर ताराचंद, बलवान सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता आजाद की पार्टी में शामिल हो गए थे लेकिन जल्द ही वे आजाद का दामन छोड़कर फिर से कांग्रेस में घर वापसी कर चुके हैं।