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Goga Navami 2022 : 20 को मनाई जाएगी गुग्गा नवमीं, तैयारियां जोरों पर, राजा मंडलीक के देवस्थानों पर उमड़ रहे श्रद्धालु

गुग्गा नवमी पर कार्यक्रम के साथ भंडारा होगा। इसी बीच देवस्थान पर जात्तर आदि करते हुए श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान सुझाए गए। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू में भी 20 अगस्त को गुग्गा नवमी मनाई जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sun, 14 Aug 2022 01:10 PM (IST)
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राजा मंडलीक का यह देवस्थान खूबसूरत पहाड़ियों के बीच अपनी छठा बिखेर रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी के दूसरे दिन गुग्गा नवमी का त्योहार जम्मू में भी धूमधाम से मनाने की तैयारियां जारी हैं। गुग्गा नवमी से पूर्व रविवार को देवस्थानों पर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा ताकि वे गुुग्गा नवमीं की तैयारियों में योगदान दे सकें और पूजा की विधि जान सकें।

गुग्गा नवमी से पहले रविवार के चलते सुबह से ही देवस्थान में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा हुआ था। देर शाम तक देवस्थान में सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। गद्दीनशीन पंडित विजय शर्मा ने बताया कि गुग्गा नवमी के दिन कुलदेवता राजा मंडलीक, कालीवीर व अन्य देवताओं की पूजा अर्चना के विधि-विधान की जानकारी लेने के लिए बहुत से श्रद्धालु पहुंचे। इतना ही नहीं बहुत से श्रद्धालु अपनी परेशानियों को लेकर भी देवस्थान में पहुंचे और देवता का आशीर्वाद ग्रहण किया। विजय शर्मा ने कहा कि यूं तो हरेक रविवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की काफी संख्या में आवाजाही रहती है, लेकिन गुग्गा नवमी के चलते लोगों की आमद और बढ़ी है।

गुग्गा नवमी पर कार्यक्रम के साथ भंडारा होगा। इसी बीच देवस्थान पर जात्तर आदि करते हुए श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान सुझाए गए। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू में भी 20 अगस्त को गुग्गा नवमी मनाई जाएगी। नरवाल स्थित देवस्थल पर सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के साथ कार्यक्रम का आगाज होगा। दोपहर बाद भंडारा होगा। सुबह 9.30 बजे छिल्ला बिजाई की रस्म होगी। उसके बाद पत्तर पूजन 12 बजे तक होगा। 12.30 कंजक पूजन करने के बाद भंडारे को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। शाम 5 बजे देव चौकी की जाएगी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्रियों, राज नेताओं, अधिकारियों व गणमान्य लोगों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे कुलदेवता का आशीर्वाद लेने के लिए देवस्थानों में जाएं और पूजा-अर्चना करें।

मंडयाल में भी सजेगा दरबार : सुंदरबनी के गांव मंडयाल में स्थित राजा मंडलीक के ऐतिहासिक देवस्थान में भी गुग्गा नवमीं के दिन भंडारे के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राजा मंडलीक का यह देवस्थान खूबसूरत पहाड़ियों के बीच अपनी छठा बिखेर रहा है। यहां मांगी गई दुआएं देवता के आशीर्वाद से पूरी होती हैं और फिर लोग मन्नतें चढ़ाने के लिए यहां पहुंचते हैं। राजौरी जिले के सुंदरबनी से करीब 15 किलोमीटर दूर मंडयाल गांव में यह देवस्थान वर्ष 1942-43 में स्थापित किया गया। सुंदरबनी से कांगड़ी मार्ग पर जाकर परोड़ा क्षेत्र में पहुंच कर यह देवस्थान बना हुआ है। सुंदरबनी से कांगड़ी रोड पर वनपुरी शिव मंदिर के नजदीक से बाईं ओर से रास्ता इस देवस्थान को जाता है। बताया गया कि देश के बटवारे से पहले वर्ष 1942-43 में बुजुर्गों ने पाकिस्तान स्थित ना-नाली क्षेत्र से कुलदेवता की मंडी को यहां शिफ्ट किया। आजादी के बाद तो फिर यहीं पूजा-अर्चना होने लगी। कुलदेवता राजा मंडलीक के अलावा इस मुकाम पर कालीवीर और नार सिंह की भी पूजा की जाती है। 

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