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'मीटिंग में मोबाइल लाए तो...', जम्मू-कश्मीर में सरकारी अधिकारी बैठकों में नहीं रख सकेंगे स्मार्ट फोन

जम्मू-कश्मीर सरकार ने संवेदनशील मुद्दों पर होने वाली बैठकों में सरकारी अधिकारियों के लिए अपने साथ स्मार्ट फोन और डिजिटल सहायक उपकरण रखने पर रोक लगा दी है। इस कदम का उद्देश्य संवेदनशील दस्तावेजों और सूचनाओं तक शरारती तत्वों की पहुंच को रोकना और डेटा उल्लंघन पर अंकुश लगाना है। संजीव वर्मा ने सरकारी दस्तावेजों और सूचनाओं को चार वर्गों शीर्ष गुप्त गुप्त गोपनीय और प्रतिबंधित में वर्गीकृत किया है

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Tue, 26 Nov 2024 10:40 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में मीटिंग के दौरान सरकारी अधिकारी अपने साथ अपना स्मार्ट फोन नहीं रख सकेंगे। (प्रतिकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में संवेदनशील मुद्दे पर होने वाली बैठकों के दौरान सरकारी अधिकारी अपने साथ अपना स्मार्ट फोन नहीं रख सकेंगे। अधिकारियों को किसी भी वर्गीकृत विषय पर चर्चा के दौरान अमेजान के अलेक्सा, एप्पल के सीरी और गूगल होम जैसे डिजिटल सहायक उपकरणों से भी दूर रहना होगा। इसके अलावा किसी भी गोपनीय जानकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंस में साझा नहीं किया जाएगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित प्लेटफार्म का ही इस्तेमाल किया जाए। वर्गीकृत जानकारी के आदान-प्रदान के लिए संबंधित अधिकारियों के वाट्सएप और जीमेल जैसे तीसरे पक्ष के माध्यमों के प्रयोग पर भी रोक लगा दी गई है।

प्रदेश सरकार ने यह कदम संवेदनशील दस्तावेजों और सूचनाओं तक शरारती तत्वों की पहुंच को रोकने और डेटा उल्लंघन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ सरकारी संवाद-संचार को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया है। महा प्रशासनिक विभाग के सचिव आयुक्त संजीव वर्मा ने सरकारी दस्तावेजों और सूचनाओं के लिए अधिकृत माध्यम के इस्तेमाल का एक परिपत्र भी जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि वाट्सएप और जीमेल जैसे प्लेटफार्म आधिकारिक संचार-संवाद के लिए आवश्यक प्रोटोकाल को पूरा नहीं करते हैं।

सरकार ने जारी किए ये निर्देश

  • प्रदेश प्रशासन ने सभी अधिकारियों को विभागों में संवाद-संचार के लिए सरकारी ईमेल सेवाओं (एनआइसी ईमेल) और स्वीकृत मैसेजिंग प्लेटफार्म जैसे कि सीडीएसी के संवाद और एनआइसी के संदेश के यथासंभव उपयोग के लिए कहा है।
  • ई-आफिस सिस्टम को सुरक्षित बनाए रखने के लिए उचित फायरवाल और वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) सेटअप से लैस किया जाए।
  • डिजिटल असिस्टेंट डिवाइस जैसे कि अमेजान का इको, एप्पल का होमपाड, गूगल होम, अलेक्सा, सिरी को आधिकारिक बैठक के समय बंद रखें।
  • वीडियो कान्फ्रेंस के लिए केवल सरकार द्वारा अनुमोदित सीडीएसी, सीडीओटी और एनआइसी द्वारा प्रस्तुत माध्यमों, एप का प्रयोग किया जाए।
  • घर से काम करने की स्थिति में वीपीएन और और फायरवाल सेटअप के माध्यम से कार्यालय सर्वर से कनेक्ट होना चाहिए।

सूचनाओं को चार वर्गों में किया वर्गीकृत 

संजीव वर्मा ने सरकारी दस्तावेजों और सूचनाओं को चार वर्गों शीर्ष गुप्त, गुप्त, गोपनीय और प्रतिबंधित में वर्गीकृत किया है। उन्होंने सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मियों से कहा है कि किसी भी शीर्ष गुप्त और गुप्त दस्तावेज को कभी भी इंटरनेट पर साझा नहीं किया जाना चाहिए। इन दस्तावेजों को केवल लीज लाइन कनेक्टिविटी और एसएजी-ग्रेड एन्क्रिप्शन तंत्र वाले बंद नेटवर्क के माध्यम से ही प्रसारित किया जाना चाहिए।

उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह प्रदेश सरकार ने यह कदम महत्वपूर्ण और संवेदनशील सूचनाओं तक राष्ट्रविरोधी तत्वों की किसी भी तरह से पहुंच को रोकने के लिए उठाया है। अगर कोई अधिकारी या कर्मी जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई तय है।

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