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Jammu Farmers: कुल्थ दाल की खेती में किसानों का बढ़ रहा रुझान, सेहत के लिए भी है फायदेमंद

यह सूखे कंडी क्षेत्र में भी आसानी से हो जाती है।कुल्थ वास्तव में तीन पत्तियों वाला पौधा है गर्मियों में होने वाली यह खेती 70-80 दिन में तैयार हो जाती है और अक्टूबर-नवंबर माह में फसल समेट ली जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 09 Feb 2021 11:01 AM (IST)
Jammu Farmers: कुल्थ दाल की खेती में किसानों का बढ़ रहा रुझान, सेहत के लिए भी है फायदेमंद
कंडी किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलनी चाहिए।

जम्मू, गुलदेव राज: गुणों से भरपूर कुल्थ दाल के प्रति कंडी व पहाड़ी क्षेत्र के किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। यही कारण है कि जम्मू संभाग में इसकी खेती तीन सौ हैक्टेयर को पार कर गई है जोकि कुछ ही साल पहले बहुत कम थी। दरअसल कई बीमारियों को भगाने के लिए कुल्थ दाल रामबाण साबित हुई है। यही कारण है कि बाजार में इसकी मांग हैं और इससे किसान प्रेरित हुआ है।

जम्मू के कंडी क्षेत्र हीरानगर, अखनूर, कालाकोट के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी खेती हाे रही है। हालांकि इस दाल की खेती के बढ़ावे के लिए कृषि विभाग के पास कोई योजना नही। मगर अच्छी मांग के चलते किसान स्वयं इसको लगाने में दिलचस्पी दिखा रहा है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि इस फसल पर कीट, पंतगों का नुकसान अपेक्षाकृत कम रहता है। यह सूखे कंडी क्षेत्र में भी आसानी से हो जाती है।कुल्थ वास्तव में तीन पत्तियों वाला पौधा है गर्मियों में होने वाली यह खेती 70-80 दिन में तैयार हो जाती है और अक्टूबर-नवंबर माह में फसल समेट ली जाती है।

खास बात यह है कि किसान स्वयं बीज तैयार करते हैं जोकि अगले सीजन में काम आता है। प्रशासन की ओर से इसके बीज का बंदोबस्त नही किया जाता है। एक कनाल में किसान 70 किलो की पैदावार ले लेते हैं। कंडी किसान गौतम सिंह का कहना है कि इस दाल की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार को काम करना चाहिए। वहीं भलवाल के किसान नरोत्तम सिंह का कहना है कि कंडी किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलनी चाहिए।

  • कुल्थ दाल के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। अच्छे दाम के चलते किसान इस ओर आकर्षित हो रहा है। हम सरकार से गुजारिश करेंगे कि इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए कोई योजना आरंभ की जाए। -केके शर्माकृषि विभाग के संयुक्त निदेशक

क्या क्या फायदे हैं

  • इस दाल सेआयुर्वेदिक डाक्टर तरन सिंह का कहना है कि कुल्थ की दाल शरीर के लिए बहुत बेहतर है। कई बीमारियों को दूर करने के लिए यह दाल अति उत्तम है।
  • इनमें यह सब गुण हैं: इसके बीजों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
  • -कुल्थ की दाल नियमित खाने, दाल का पानी सेवन करने से किडनी की पत्थरी गल जाती है और पेशाब के जरिए निकल जाती है। इसलिए पत्थरी के मरीज इस दाल का सेवन करते हैं।
  • -कुल्थ की दाल पाचन के लिए बेहतर है। पेट को ठीक रखती है।