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Jammu News: जम्मू के बलिदानी जवान जोगिंदर कुमार को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, कल हो सकता है अंतिम संस्कार

छत्तीसगढ़ में मतदान ड्यूटी के दौरान नक्सल हमले में बलिदान हुए जवान जोगिंदर कुमार को पुलिस परेड ग्राउंड में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर गांव के लिए रवाना हो गया। गांव के लोग बलिदानी के परिवार को सांत्वना देते नजर आए। अधिकारियों के मुताबिक कल बलिदान हुए जवान के शव का अंतिम संस्कार हो सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 18 Nov 2023 07:17 PM (IST)
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जम्मू के बलिदानी जवान जोगिंदर कुमार को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर।

पीटीआई, सांबा/जम्मू। जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के एक सीमावर्ती गांव के रहने वाले एक आईटीबीपी का जवान छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में बलिदान हो गया। इसके बाद जब आईटीबीपी जवान के पार्थिव शरीर के आने की सूचना गांव वालों को मिली। गांव के लोग जवान के घर पर पहुंचने लगे। अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए जवान का शव आज उनके घर पहुंचने वाला है, रविवार को अंतिम संस्कार होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के समापन के बाद शुक्रवार को गरियाबंद जिले में एक विस्फोट में हेड कांस्टेबल जोगिंदर कुमार की मौत हो गई, जब सुरक्षाकर्मियों के साथ एक मतदान दल मतदान कराकर लौट रहा था। बड़े गोबरा गांव के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में कुमार की मौत की खबर से उनके गांव में शोक छा गया।

सरपंच सोमनाथ ने कहा कि उन्हें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में शुक्रवार शाम 5 बजे पता चला। उन्होंने कहा कि गांव उनकी जान जाने से दुखी है। घर पर दिल दहला देने वाले दृश्य के बीच, जवान के पिता दिलीप सिंह, एक सेवानिवृत्त सेना कर्मी और उनके नौ वर्षीय बेटे ने खुद को मजबूत हौसला रखते हुए नजर आए।

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सिंह ने पाकिस्तानी गोलाबारी रेंज के अंतर्गत आने वाले अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मुझे अपने बेटे के निधन पर दुख है, लेकिन साथ ही मुझे गर्व भी है कि उसने देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया। कुमार अपने भाइयों की तरह देश की सेवा करने के लिए सेना में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित थे। मैंने उन्हें चयनित होने के लिए कड़ी मेहनत करते देखा है। अब उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को पीछे छोड़ दिया है, सरकार को उनका समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।

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नक्सलवाद की समस्या का समाधान ढूंढे सरकार

इसके साथ ही पिता दिलीप सिंह ने कहा कि नक्सलवाद कोई नई बात नहीं है और पिछले कई दशकों से चल रहा है। सरकार को समस्या का स्थायी समाधान ढूंढना चाहिए। उनके बड़े भाई जगदीश राज ने कहा कि हर किसी को कुमार के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है, लेकिन उन्होंने नक्सलवाद की लगातार बनी समस्या पर सवाल उठाया। हम यहां (सेवा में) बलिदान देने के लिए तैयार हैं। लेकिन ज्यादा दुख तब होता है जब आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में अपनी जान गंवानी पड़ती है। उन्हें कहीं और से उठाया गया था और स्थलाकृति और चुनौतियों के बारे में कोई जानकारी दिए बिना चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था।

सरकार का नक्सल से न निपट पाना दुर्भाग्यपूर्ण

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अब तक नक्सल समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने में विफल रही है। वे दुश्मन देशों के खतरे से निपटने की तैयारी के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन हम नक्सलियों द्वारा चलाए जा रहे छोटे शिविरों पर काबू पाने और जंगलों को सुरक्षित करने में असमर्थ हैं। कुमार ने अपने चयन के दौरान पहला स्थान हासिल किया था और दो दशकों से अधिक समय तक देश की सेवा की।

छत्तीसगढ़ में बलिदान हुआ जवान

छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान समाप्त होने के बाद जिले के मैनपुर के बड़े गोबरा से मतदान दल को सुरक्षा बलों के जवान मतदान के पश्चात वापस ले जा रहे थे। इस दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आइईडी की चपेट में आने से आइटीबीपी जवान जोगिंदर सिंह बलिदान हो गए थे। पुलिस परेड ग्राउंड में बलिदानी को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान पुलिस ने पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया।

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