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Jammu: पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने से गुज्जर-बकरवाल समुदाय नाराज, पुंछ और राजौरी में इंटरनेट सेवा बंद; धारा 144 लागू

पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने के विधेयक पारित होने के बाद ये मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। पहाड़ी जनजातियां कोली गड्डा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने पर गुज्जर-बकरवाल को लग रहा है कि उनका हक कम हो जाएगा। इसके चलते डीसी जम्मू ने पुंछ और राजौरी में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। साथ ही जिले में धारा 144 लागू कर दी है।

By rahul sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 07 Feb 2024 09:03 PM (IST)
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पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने से गुज्जर-बकरवाल समुदाय नाराज, पुंछ और राजौरी में इंटरनेट सेवा बंद।
जागरण संवाददाता, जम्मू। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने संबंधित विधेयक पारित होने के बाद कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हिंसक घटनाओं की आशंका के मद्देनजर जिला राजौरी और पुंछ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ-साथ इंटरनेट सेवा पर फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं, डीसी जम्मू सचिन कुमार वैश्य ने भी पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार मिल रही सूचनाओं के आधार पर जिले में धारा 144 लागू कर दी है।

सांसद जुगल किशोर शर्मा द्वारा पारित किए गए इस विधेयक के अनुसार, अब पहाड़ी जनजातियां, कोली, गड्डा ब्राह्मण को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलेगा। लोकसभा में पारित यह विधेयक अब राज्यसभा में रखा जाएगा। यह लगभग तय है कि यह विधेयक लागू हो जाएगा। हालांकि विधयेक लोकसभा में पारित होने के बाद से ही जम्मू में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। जम्मू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर अपना रोष जताते हुए जमकर प्रदर्शन किया।

गुज्जर-बकरवाल को लग रहा कम हो जाएगा उनका हक

जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की आबादी तकरीबन 20 लाख है, जिसमें गुज्जर-बकरबाल और गद्दी वर्ग के लोग आते हैं। प्रदेश की जनसंख्या में इनकी तकरीबन 15 से 20 प्रतिशत भागेदारी है। लेकिन पहाड़ी लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग का दर्जा देने का फैसला अधिकांश लोगों को हजम नहीं हो रहा। अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए गुज्जर -बकरवाल लगातार बैठकें कर रहे हैं। गुज्जर-बकरवाल लोगों को लग रहा है कि उनका हक कम हो जाएगा। वहीं इनका कहना है कि सरकार ने द्वारा लिया गया फैसला गैर संवैधानिक है। यह राजनैतिक फैसला है। देश में इस तरह से लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग का दर्जा नहीं दिया जाता।

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पूरे पहाड़ी लोगों को ही अनुसूचित में लाना राजनीतिक फैसला

गुज्जर यूनाइटेड फ्रंट के चेयरमैन शाह मोहम्मद चौधरी ने कहा कि गुज्जर-बकरवाल लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू-कश्मीर गुज्जर यूनाइटेड फ्रंट सरकार के फैसले को चुनौती देगी। क्योंकि देश में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि लोगों को ऐसे ही अनुसूचित जाति वर्ग दर्जा दे दिया जाए। हां कुछ चुने हुए क्षेत्र को कुछ बरसों के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के अधीन लाया जा सकता है। लेकिन जैसे हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति को दर्जा दिया गया है। ऐसे ही जम्मू-कश्मीर की कुछ पॉकेट को एसटी का दर्जा दिया जा सकता था। पूरे पहाड़ी लोगों को ही अनुसूचित में लाना राजनीतिक फैसला है, जोकि संविधान के खिलाफ है। हम सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे और न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

पहाड़ी भाषी लोगों को मिला अनुसूचित जाति वर्ग का दर्जा मिलने पर बोले गुज्जर नेता

गुज्जर नेता सबर चौधरी ने कहा कि पहाड़ी भाषी लोग अनुसूचित वर्ग में शामिल हो जाएंगे, क्या यह लोग सच में ट्राइबल है। फिर किस आधार पर पहाड़ी भाषी लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग का दर्जा दिया। इसका आधार बताया जाना चाहिए। महज राजनीतिक फैसले लिए जा रहे हैं और मनमर्जी की जा रही हैं। इसके दुष्परिणाम दिखेंगे। गुज्जर बकरवाल लोग आने वाले समय में सड़कों पर होंगे। हमें सरकार का निर्णय मंजूर नहीं है। सरकार को पहले देखना चाहिए था कि देश में अनुसूचित जाति वर्ग को किस तरह से आरक्षण दिया गया।

वहीं, कुछ पहाड़ी नेता पिछले कई दिनों से दिल्ली में अपना डेरा डाले हुए थे वह अभी भी दिल्ली में ही मौजूद है। जबकि कुछ गुज्जर बक्करवाल नेताओं को भी नजरबंद किया गया है, लेकिन इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं कह रहे हैं।

शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश

डीसी जम्मू सचिन कुमार वैश्य ने आपराधिक संहिता की धारा 144 लागू करने का आदेश जारी करते हुए बताया कि पुलिस से प्राप्त इनपुट तथा अन्य विश्वसनीय सूत्रों से लगातार मिल रही जानकारी के बाद ऐसा लगा कि कुछ शरारती तत्व जिला जम्मू में शांति एवं व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच सकते हैं। हिंसक प्रदर्शनों से मानव जीवन तथा संपत्तियों को गंभीर खतरा हो सकता है। इससे पहले कि यह संभावनाएं पैदा हों, इसकी रोकथाम के लिए धारा 144 को लागू करना जरूरी हो गया।

इंटरनेट मीडिया पर दी जा रहीं गलत सूचनाएं

इस विधेयक को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी लगातार गलत सूचनाएं दी जा रही हैं। यह भी देखने को मिल रहा है कि कुछ शरारती तत्व अपमानजनक, भेदभावपूर्ण और उत्तेजक संदेश साझा करके इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर गलत सूचना फैलाने का काम कर रहे हैं। इससे भी शहर की शांति भंग हो सकती है। लोकहित को ध्यान में रख शहर में धारा 144 लागू करते हुए डीसी जम्मू ने पुलिस प्रशासन खासकर साइबर क्राइम से इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक व सामाजिक भावनाओं को भड़काकर शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।

कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की दी चेतावनी

डीसी जम्मू सचिन कुमार वैश्य ने जिला जम्मू में संचालित इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म, समाचार प्लेटफार्म / पोर्टलों को पोस्ट करने से रोकने का आदेश देते हुए बड़े ही सख्त लहजे में कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति या समाचार पोर्टल ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, शांति भंग होने और सार्वजनिक शांति को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे किसी भी वीडियो संदेश या फोटो को साझा किया तो भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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