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Hit and Run Law: सड़क हादसों के पचास फीसदी मामले हिट एंड रन से जुड़े, यहां देखें जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े

जम्मू कश्मीर में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो रोजाना औसतन प्रदेश में 15 से 20 घातक सड़क हादसे होते हैं जिनमें लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। जानकारों का कहना है कि सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को यदि समय पर उपचार मिल जाए तो उनकी जान को बचाया जा सकता है।

By Dinesh Mahajan Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Wed, 03 Jan 2024 10:11 PM (IST)
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सड़क हादसों के पचास फीसदी मामले हिट एंड रन से जुड़े, फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जम्मू। प्रदेश जम्मू कश्मीर में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो रोजाना औसतन प्रदेश में 15 से 20 घातक सड़क हादसे होते हैं, जिनमें लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। जानकारों का कहना है कि सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को यदि समय पर उपचार मिल जाए तो उनकी जान को बचाया जा सकता है। 

100 में से 50 प्रतिशत हादसे Hit and Run के

कई बार यह देखा गया है कि सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने की बजाए लोग पुलिस के आने का इंतजार करते है, जो घायल के लिए जानलेवा साबित होता है। 100 सड़क हादसों में से 50 हादसे हिट एंड रन मामलों से संबंधित होते है। वाहन चालक हादसे को अंजाम देकर घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने की बजाए वहां से भाग जाता है।

कई बार तो हादसे के बाद चालक अपने वाहन को ही मौके पर छोड़ घटनास्थल से फरार हो जाते है। यदि वह स्वयं उन्हें अस्पताल ले जाए उन्हें समय पर उपचार मिल सकता है। हिट एंड रन के बढ़ते मामलों को देखते हुए ही सरकार ने नया कानून बनाया है।

 5309 सड़क हादसों में 714 लोगों की जानें गई

वर्ष 2023 में जनवरी माह से लेकर अक्टूबर माह तक 5309 सड़क हादसे हुए जिनमें 714 लोगों की जान गई। 7087 लोग घायल हो गए। हालांकि सरकार ने बीते वर्ष मार्च माह में सड़क हादसे रोकने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया था, जिसके तहत यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने को कई गुना बढ़ा दिया है। बावजूद इसके हादसों में कमी नहीं हो रही।

ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि वर्ष 2023 में जनवरी से नवंबर माह तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 12,52,536 वाहन चालकों के चालान काटे है। 860104 कोर्ट के चालान किए गए। 392432 वाहन चालकों के कंपाउंड चालान काटे गए। इन सभी चालान को काटने का मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों को रोकना है।

तेज गति, खराब सड़क ढांचा सड़क हादसों का बड़ा कारण

जम्मू कश्मीर पहाड़ी इलाके का जहां वाहन ध्यानपूर्वक चलाना जरूरी है। जरा सी लापरवाही हुई तो हादसा हुआ। सड़क हादसों बने रहने वाले इस पर्वतीय प्रदेश में जर्जर सड़क हादसों के कारण होते है। सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए यह साफ होता है कि सबसे अधिक हादसे जिला जम्मू में पेश आते है। इस का मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, रांग साईड पर वाहन चलाना और ओवर लोडिंग है। इसके अलावा वाहन चलाते समय फोन पर बात करना, लाल बत्ती को जंप करना भी हादसों का कारण है।

हिट एंड रन कानून सही दिशा में लिया गया फैसला

पूर्व रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर आरटीओ जम्मू चरण जीत सिंह का कहना है कि हिट एंड रन कानून सरकार द्वारा लगाया गया सही फैसला है। इससे चालक हादसे में घायल होने वाले लोगों को मौके पर छोड़ कर फरार होने की बजाए उन्हें अस्पताल ले जाएगा। इस फैसले में सरकार को ड्राइवर की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना होगा। अक्सर हादसे के बाद लोग चालक से मारपीट करते है, जिससे बचने के लिए चालक वहां से फरार हो जाते है। हादसे के बाद चालक पर हमला करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई का कानून होना चाहिए।

प्रदेश जम्मू कश्मीर में सड़क हादसों के आंकड़े

वर्ष                    हादसे                     मौत                      घायल

  • 2018                 5978                    984                       7845
  • 2019                 5796                    996                       7532
  • 2020                 4860                    728                       5894
  • 2021                 5452                    774                       6972
  • 2022                 6092                    805                       8372
  • 2023                 5309                    714                       7087
नोट : वर्ष 2023 के आंकड़े जनवरी से अक्टूबर माह तक के है।

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