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जम्मू-कश्मीर : देवक नगरी में जल्द अपने पुराने स्वरूप में लौटेगी पवित्र देविका नदी

पावन देविका को उसका पुराना और निर्मल स्वरूप जल्द मिलेगा और पूरे देविका परिसर का कायाकल्प भी होगा। राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बने देविका रिजुविनेशन प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी के बाद राज्य प्रशासनिक परिषद(एसएसी) से मंजूरी दी है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sun, 06 Jan 2019 01:01 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर : देवक नगरी में जल्द अपने पुराने स्वरूप में लौटेगी पवित्र देविका नदी

ऊधमपुर, अमित माही । पावन देविका को उसका पुराना और निर्मल स्वरूप जल्द  मिलेगा और पूरे देविका परिसर का कायाकल्प भी होगा। राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बने देविका रिजुविनेशन प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी के बाद राज्य प्रशासनिक परिषद(एसएसी) से मंजूरी दी है। अब 186.74 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के शिलान्साय जल्द होगा। दो साल में प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो सालों में देविका को उसका पावन और निर्मल स्वरूप वापिस मिल जाएगा।

जिस देविका नदी ने ऊधमपुर को देवकनगरी की पहचान दी, अर्से से वहां के बाशिंदों व प्रशासन सहित सबसे उपेक्षित रवैये और अतिक्रमण ने इस पावन नदी को एक दूषित नाले में तबदील कर डाला। जिससे बाद से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती नजर आई। देविका पर सालों तक खूब राजनीति हुई।

नवंबर 2014 में विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली के दौरान शास्त्रों में देविका नदी को गंगा मां की बहन बताते हुए चुनावों में जीत के बाद इसके विकास का वादा किया। इसके बाद देविका को नदी संरक्षण कार्यक्रम में शामिल कराने के लिए कवायद शुरु हुई। इसके पानी के सैंपलों की जांच के साथ ही केंद्र से आई कई टीमों ने दौरा किया। इसके बाद से पावन देविका के अस्तित्व को बचाने के लिए जदोजहद करने वाले चंद लोगों तथा इस पावन नदी में आस्था रखने वालों के मन में देविका को उसका पवित्र व निर्मल स्वरूप वापिस मिलने की जो उम्मीद जगी थी। वह जल्द ही सच होगी। चंद रोज बाद 186.74 करोड़ रुपये के देविका प्रोजेक्ट का शिलान्यास होगा। जिसके चंद दिनों के बाद काम शुरु हो जाएगा। इसके लिए नवंबर में टेंडरिंग की प्रक्रिया होने के बाद काम आवंटित कर दिया गया है।

तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे

देविका प्रोजेक्ट के तहत तीन सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे। जिसमें से एक 8 मिलियन लीटर डेली(एमएलडी), एक 4 एमएलडी और एक 1.60 एमलडी का होगा। इसके लिए शहर को तीन जोनों में बांटा गया है। जोन-1 में सबसे ज्यादा वार्ड रखे गए हैं। जबकि जोन तीन में सबसे कम है। इसी हिसाब से अधिक वार्डों में अधिक क्षमता वाला और कम वार्डों वाले इलाकों वाले जोन में छोटा ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।

129.27 किलोमीटर सीवरेज पाइप लाइन बिछेगी

देविका प्रोजेक्ट के तहत कुल बिछने वाली आरसीसी, एचडी व डीआई पाइपोंकी कुल लंबाई 129.27 किलोमीटर होगी। आरसीसी व इंट के 3011 मेनहोल बनेंगे, 7605 हाउस कनेक्टिंग चैंबर बनेंगे, 3802 प्रॉपर्टी चैंबर्स होंगे। 2,.13 किलोमीटर लंबी राईसिंग मेन बनेगी, सात इंटरमीडियेट पंपिंग स्टेशन बनेंगे। दो समाल स्केल हाईड्रो पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे। प्रत्येक की क्षमता दो किलोवॉट होगी। प्रत्येक एसटीपी पर तीन सोलर प्लांट बनेंगे। जिसमें से दो की क्षमता 80-80 किलोवॉट होगी और एक की 300 किलोवॉट। 

लागत

देविका प्रोजेक्ट की कुल लागत- 186.74 करोड़

केंद्र का (90 प्रतिशत) 168.66 करोड़

राज्य का(10 प्रतिशत) 18.80 करोड़

पैकेज-1 के लिए 820.00 लाख के टेंडर में होंगे यह काम

देविका के उत्तर व दक्षिण की तरफ बेहतर शमशान घाटों का निर्माण

-नदी के सामने मेला स्थल का विकास

-मुख्य प्रवेश क्षेत्र व देविका सर्कुरल मार्ग का विकास

-देविका के मौजूदा घाटों का जीर्णोद्धार व प्रोटेक्शन का काम

-देविका नदी के दोनों किनारों पर 800-800 मीटर फेंसिंग करना।

पैकेज-2 के लिए 13652 लाख के टेंडर में होंगे यह काम

-पूर्ण सीवरेज नेटवर्क बनाना

-सिवरेज पंपिंग स्टेशनों की स्थापना

-तीन सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण

-सोलर पावर प्लांट व माइक्रो हाईडल पॉवल प्लांट लगाना

-जीआईएस बेस मॉनिटरिंग सिस्टम होगा। 

मां पार्वती का स्वरूप होने के कारण है गंगा जी की बड़ी बहन

नीलमत पुराण, शिव महापुराण सहित अन्य ग्रंथों व शास्त्रों में देविका नदी को मां पार्वती के स्वरूप में वर्णित है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव के आदेश पर डुग्गर प्रदेश के उद्धार के मां पार्वति ने नदी स्वरूप धारण कर बहना शुरु किया। यह चिनैनी के प्रसिद्ध सुद्धमहादेव के बेणिसंगम हरिद्वार क्षेत्र से उद्गम होकर बहते हुए जम्मू के बसंतर में विलुप्त होती है। इस पावन नदी के साक्षात दर्शनों का सौभाग्य चिनैनी, ऊधमपुर, जंद्राह, सकौण, पुरमंडल और उत्तरवहिनी में ही प्राप्त है। ज्यादातर मार्ग भूमिगत तय करने के कारण डुग्गर प्रदेश में इसे गुप्त गंगा के नाम भी जाना जाता है। देविका जहां भी प्रकट हुई है, वहां के तटों पर शिव मंदिर मौजूद हैं। चिनैनी, ऊधमपुर व पुरमंडल में इसके तट पर बने मंदिर समान शैली के हैं। मान्यता है कि देविका नदी के तट पर जिसका किसी का भी संस्कार होता है। उसकी अस्थियां गंगा जी में विसर्जित नहीं की जाती। इतना ही नहीं देविका में विसर्जित अस्थियां चंद दिनों में स्वयं विलुप्त हो जाती है और कहीं पर नजर नहीं आती। देविका का जल जब निर्मल होता था तो यह कई प्रकार के चरम रोग समाप्त कर देता था। मान्यता यह भी है कि प्रत्येक साल चैत्र मास की चतुर्दशी पर गंगा जी स्वयं देविका में स्नान कर उन पापों से मुक्त होती है। जो गंगा जी पर लोगों के स्नान करने से पड़ता है।

देविका प्रोजेक्ट ऊधमपुर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है

पिछले काफी समय से इस पर काम चल रहा था। केंद्र और राज्य से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही काम शुरु होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू दौरे के दौरान ऑनलाईन इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए देविका में शिलान्यास पट बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। खुशी है कि नये साल में यह प्रोजेक्ट शुरु होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने से देविका को उसका निर्मल और स्वरूप मिलेगा।

रविंद्र कुमार, डीसी ऊधमपुर

देविका प्रोजेक्ट के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया काफी समय पहले पूरी हो चुकी है

दिल्ली की बृज गोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमेटिड को प्रोजेक्ट का काम आवंटित हुआ है। सबसे पहले शिलान्यास पट बनेगा। शिलान्यास होने के साथ ही कंपनी निर्माण से पहले अपने सर्वे को शुरु करेगी। कंपनी ने ऊधमपुर में अपना दफ्तर स्थापित करने के लिए काम शुरु कर दिया है। अगले एक माह में काम जमीन पर दिखना शुरु होने की पूरी उम्मीद है।

ताज चौधरी, एक्सईएन यूईईडी, जम्मू