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Jammu News: 'जल्द हो जाएगा आतंकवाद का खात्मा', जम्मू-कश्मीर के विधेयकों की चर्चा को लेकर बोले गृहमंत्री अमित शाह

जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया जो भयावह था। जिन लोगों पर इसकी जिम्मेदारी थी वो इंग्लैंड जाकर छुट्टियां मना रहे थे। पीएम मोदी ने विस्थापित लोगों की आवाज सुनी। वोट बैंक की राजनीति न होती तो कश्मीरी पंड़ितों को घाटी नहीं छोड़नी पड़ती।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 04:34 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में विधेयकों की चर्चा को लेकर बोले शाह (फाइल फोटो)।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2023 पर बोलते हुए कहा कि जो लोग कहते हैं कि धारा 370 हटने के बाद क्या हुआ? 5-6 अगस्त 2019 को उनकी (कश्मीरी) आवाज, जो सालों से नहीं सुनी गई थी, पीएम मोदी ने सुनी और आज उन्हें उनका अधिकार मिल रहा है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वो भयावह था। जो लोग इस जमीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी को उनकी परवाह नहीं थी। जिन लोगों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी थी वो इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे।

46,631 परिवारों के अधिकार दिलाने के लिए ये विधेयक

इसके बाद उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक है उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए...

कश्मीर में हुए एक तरह से तीन युद्ध: गृहमंत्री शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि कश्मीर में एक तरह से तीन युद्ध हुए हैं। साल 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया, इस दौरान 31,000 से अधिक परिवार विस्थापित हुए। गौरतलब है कि 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए थे। इसके साथ ही साल 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। ये बिल उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है।

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गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा लाए गए जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो विधेयक पिछले 70 वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित लोगों को न्याय देंगे और कहा कि विस्थापित लोगों को आरक्षण दिया जाएगा। उन्हें विधायिका में आवाज दें।

वोट बैंक की राजनीति न होती तो कश्मीरों पंड़ितों को नहीं छोड़नी पड़ती घाटी

जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए, शाह ने कहा कि अगर वोट-बैंक की राजनीति पर विचार किए बिना शुरू में ही आतंकवाद से निपट गया होता तो कश्मीरी पंडितों को छोड़ना नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि एक विधेयक में उन लोगों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है जिन्हें आतंकवाद के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा।

पीएम मोदी समझते पिछड़े वर्ग और गरीबों का दर्द: अमित शाह

शाह ने पिछड़े वर्गों की बात करने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि अगर किसी पार्टी ने पिछड़े वर्गों का विरोध किया है और उनके विकास में बाधा बनी है, तो वह कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एक गरीब परिवार में पैदा हुए और प्रधानमंत्री बने और वह पिछड़े वर्ग और गरीबों का दर्द जानते हैं। मोदी सरकार 2024 में सत्ता में लौटेगी और 2026 तक मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी।

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