अनंतनाग रेलवे स्टेशन के नजदीक मिली आइईडी बनाने की सामग्री, जांच में जुटी पुलिस
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अनंतनाग के सदूर इलाके में आज एक गश्त के दौरान सुरक्षाबलों ने एक संदिग्ध वस्तु को रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर देखा। जांचने पर उन्हें शक हुआ कि यह आतंकवादियों द्वारा रखी गई आइईडी हो सकती है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 29 Apr 2021 02:07 PM (IST)
श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में सामान्य होते हालात आतंकवादी संगठनों को रास नहीं आ रहे हैं। आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए संगठन आए दिन योजनाएं बना रहे हैं परंतु सुरक्षाबलों की सतर्कता आतंकी मंसूबों पर पानी फैर देती है। आज एक बार फिर आतंकी संगठनों ने अनंतनाग के सदूर इलाके में रेलवे स्टेशन के नजदीक आइईडी लगाने का प्रयास किया परंतु समय रहते आतंकियों ने उसका पता लगा दिया। बम निष्क्रिय दस्ते द्वारा उसे निष्क्रिय बना देने के बाद पुलिस ने आइईडी के सामान को जब्त कर लिया है। यही नहीं आइईडी लगाने की योजना बन रहे आतंकियों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों ने आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चलाया हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अनंतनाग के सदूर इलाके में आज एक गश्त के दौरान सुरक्षाबलों ने एक संदिग्ध वस्तु को रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर देखा। जांचने पर उन्हें शक हुआ कि यह आतंकवादियों द्वारा रखी गई आइईडी हो सकती है। संदेह को यकीन में बदलते देख सुरक्षाबलों ने आइईडी के आसपास के क्षेत्र को खाली करवा दिया और बम निष्क्रित दस्ते को इस बारे में सूचित किया। कुछ ही समय बाद सेना का बम निष्क्रिय दस्ता वहां पहुंच गया।
जांच करने पर दल के एक जवान ने बताया कि एक बोरी में रखी गई वस्तु आइईडी है परंतु अभी यह पूरी तरह से तैयार नहीं थी। हो सकता है कि आतंकी अभी इसे लगाने ही जा रहे थे और सुरक्षाबलों को आते देख वे यहां से फरार हो गए हों। उन्होंने आइईडी की सामग्री को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सामग्री की जांच कर यह पता लगाा जाएगा कि आतंकियों ने आइईडी बनाने का यह सामान कहां से लिया था।
इसके अलावा आइईडी लगाने वाले आतंकियों के आसपास मौजूद होने की आशंका के चलते सेना, एसओजी और सीआरपीएफ के संयुक्त दल का सर्च ऑपरेशन जारी है। आसपास के लोगों से भी इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।