आइजी विजय कुमार बोले - कश्मीर में कुछ तथाकथित मीडियाकर्मी नौजवानों को गुमराह करने में लगे
आइजीपी ने कहा कि पाकिस्तान ही नहीं कुछ तथाकथित स्थानीय मीडियाकर्मी भी कश्मीर में हालात बिगाडऩे के लिए इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। बिजबिहाड़ा का रहने वाला रईस भी पहले एक मीडियाकर्मी था। बीए की पढ़ाई करने के बाद वह न्यूज पोर्टल चला रहा था।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 31 Mar 2022 10:56 AM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में कुछ तथाकथित मीडियाकर्मी युवाओं को गुमराह कर उन्हें आतंकी बनाने की साजिश में लगे हैं। इन्हीं में एक नाम है रईस अहमद बट। मीडियाकर्मी से जिहादी बना रईस उसका साथी टारगेट किलिंग के लिए श्रीनगर में घुसा था, लेकिन इसके पहले ही सुरक्षाबलों ने दोनों को मुठभेड़ में मार गिराया।
श्रीनगर में रैनावारी इलाके में मंगलवार की रात करीब पौने एक बजे आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षाबलों ने इलाके में छिपे दोनों आतंकियों को कुछ ही देर में मार गिराया था। मुठभेड़ के बारे में कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी रईस अहमद बट व हिलाल अहमद लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इन आतंकियों ने श्रीनगर शहर में टारगेट किङ्क्षलग की साजिश रची थी। रईस व हिलाल दोनों ही अनंतनाग जिले के रहने वाले थे और सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध थे। दोनों ही दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हमले की विभिन्न वारदातों और दो आम लोगों की हत्याओं में भी वांछित थे। दोनों अपने आकाओं के कहने पर श्रीनगर में दाखिल हुए थे।
हालात बिगाडऩे के लिए इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग : आइजीपी ने कहा कि पाकिस्तान ही नहीं, कुछ तथाकथित स्थानीय मीडियाकर्मी भी कश्मीर में हालात बिगाडऩे के लिए इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। बिजबिहाड़ा का रहने वाला रईस भी पहले एक मीडियाकर्मी था। बीए की पढ़ाई करने के बाद वह अनंतनाग में वैली न्यूज सर्विस नामक न्यूज पोर्टल चला रहा था। पोर्टल का पूरे कश्मीर में नेटवर्क था। इसके अलावा अनंतनाग में गैस एजेंसी पर भी काम करता था। न्यूज पोर्टल उसने सिर्फ दिखावे के लिए बनाया था। उसका असली काम आतंकियों के लिए नेटवर्क तैयार करना, उनके लिए साजो सामान जुटाना था। वह पत्थरबाजी में भी लिप्त था।
हालात तेजी से सुधरे, आतंकियों की संख्या भी घटी : विजय कुमार ने दावा किया कि कश्मीर में आतंकियों और आतंकी वारदातों में लगातार कमी आ रही है। कश्मीर के हालात तेजी से सुधरे हैं। बीते कई बरसों मे पहली बार इस साल की शुरुआत में हम कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या 200 से नीचे लाने में कामयाब रहे हैं। आम लोग खुलकर पुलिस का सहयोग करते हैं। अगर किसी का कोई बेटा, भाई या रिश्तेदार घर से गायब होता है, आतंकी बनता है तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करता है। इसके बाद वह मुख्यधारा में लाने में भी हमारा सहयोग करना है। कुछ लोग अपने अनुमान के आधार पर आतंकियों की संख्या में बढ़ोतरी का दावा करते हैं, लेकिन यह अनुमान सही नहीं है।
नमाज के लिए गया और आतंकी बन गया : रईस छह अगस्त 2021 को वह घर से जुमे की नमाज के लिए निकला था। उसने स्वजन को कहा था कि वह रात को घर नहीं लौटेगा और वह फिर लापता हो गया। नौ अगस्त 2021 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच में उसके आतंकी बनने की पुष्टि कर ली थी।
हमलावर बुर्काधारी महिला की हुई पहचान : बारामुला जिले के सोपोर में मंगलवार शाम को एक बुर्काधारी महिला आतंकी ने सीआरपीएफ के शिविर पर पेट्रोल बम से हमला किया था। आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि बुर्काधारी हमलावर महिला की पहचान कर ली गई है। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह लश्कर-ए-तैयबा की महिला ओजीडब्ल्यू है।
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