पाक के मंसूबे होंगे फेल! IIT जम्मू ने तैयार किया एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम, खासियत जानकर दुश्मनों का निकल जाएगा पसीना
पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को विफल बनाने के लिए आईआईटी जम्मू ने एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम (Anti Drone Sound System) को विकसित किया है। इसकी मदद से दुश्मन द्वारा हथियार नशीले पदार्थ लेकर आने वाले ड्रोन को तबाह करने में करेगा मदद मिलेगी। आवाज वाले ड्रोन का पता लगाने के लिए बनाए गए हार्डवेयर सेटअप को कहीं भी लगाया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का ड्रोन विरोधी उपकरण, सीमा पर सुरक्षा ग्रिड को पुख्ता बनाएगा। जम्मू-कश्मीर के सीमांत इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से आने वाले ड्रोन चुनौती बने हुए है। ड्रोन के जरिए हथियार व नशीले पदार्थ फेंके जाने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है।
इससे समय रहते सूचना मिलने पर दुश्मन द्वारा हथियार, नशीले पदार्थ लेकर आने वाले ड्रोन को तबाह करने में करेगा मदद मिलेगी। आवाज वाले ड्रोन का पता लगाने के लिए बनाए गए हार्डवेयर सेटअप को कहीं भी लगाया जा सकता है। इसे जमीन, इमारत, बंकर में लगाया जा सकता है। इसका दायरा तीन सौ मीटर है। तीन सौ मीटर के दायरे में कोई भी ड्रोन आएगा तो यह सिस्टम बता देगा। यह सिस्टम आवाज तकनीक पर आधारित है। इस हार्डवेयर सेटअप में माइक्रोफोन लगा हुआ है।
एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम में हैं कई खासियत
इस हार्डवेयर सेटअप को आईआईटी जम्मू के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. कर्ण नाथवानी ने विकसित किया है। इसे एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम कहा गया है। यह विभिन्न तरह की आवाज का पता लगाने में यह सेटअप काम करेगा। इसमें ड्रोन की आवाज, मल्टीपल ड्रोन एयरक्राफ्ट, पक्षी की आवाज शामिल है।
साल 2021 में ड्रोन हमले के बाद आया आइडिया
उन्होंने कहा कि इंडियन एयरफोर्स के जम्मू बेस पर साल 2021 में ड्रोन हमला हुआ था। उसके बाद मुझे ख्याल आया कि ऐसा कोई उपकरण विकसित किया जाए जो ड्रोन का पता लगा सके ताकि दुश्मन के नापाक इरादों को विफल बनाया जाए। प्रो. नाथवानी के अधीन पीएचडी कर रहे एक विद्यार्थी ने ड्रोन का पता करने के लिए सिस्टम बनाने में अहम भूमिका निभाई।ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में पांच सालों में हुई 579 आतंकी घटनाएं, मारे गए 818 आतंकवादी; विपक्ष के सवालों पर राज्यसभा में बोले नित्यानंद राय
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