जम्मू ITI ने बनाया नया कीर्तिमान, पहली बार हाइड्रोजन से चलाया टरबाइन; हरित ऊर्जा के क्षेत्र में खुली नई राह
Jammu Kashimir News आईआईटी जम्मू ने हाइड्रोजन गैस से भारत में पहली बार टर्बाइन चलाकर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति की राह खोल दी है। यह पूरी तरह से स्वच्छ ईंधन है और इससे शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है। इस उपलब्धि के साथ सैप एयरोस्पेस अगली पीढ़ी के गैस टर्बाइन इंजन के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
जागरण संवाददाता, जम्मू। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जम्मू ने हाइड्रोजन गैस से भारत में पहली बार टर्बाइन चलाकर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति की राह खोल दी है।
संस्थान से जुड़े स्टार्टअप सैप एयरोस्पेस को इस नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में यह सफलता मिली है। हाइड्रोजन को पूरी तरह से स्वच्छ ईंधन माना जाता है और इससे शून्य कार्बन उत्सर्जन होना है। इस वजह से इसे भविष्य का ईंधन कहा जाता है।
बता दें कि पारंपरिक ईंधन को जलाने से कार्बन डाईऑक्साइड और अन्य हानिकारक तत्वों का उत्सर्जन होता है जबकि हाइड्रोजन गैस जलने पर पानी में बदल जाती है। पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती।
स्टार्टअप की टीम ने गत दिवस आइआइटी जम्मू में तकनीक का प्रदर्शन किया और 100 प्रतिशत हाइड्रोजन से टर्बाइन चलाकर दिखाया। यह प्रयास उत्पादन औद्योगिक स्तर पर सफल रहता है तो भविष्य में हाइड्रोजन से गैस टर्बाइन चलाकर बिजली उत्पादन की राह भी खुल जाएगी।
सैप एयरोस्पेस के सह संस्थापक आयुष दिव्यांश ने बताया कि हम इस तकनीक का प्रयोग एयरो इंजन और जेट इंजन में भी कर चुके हैं। यह बड़ा क्रांतिकारी कदम है। हम लगातार ऐसे टर्बाइन पर काम कर रहे हैं जो बायो फ्यूल और हाइड्रोजन दोनों पर काम कर सके।
क्या थी चुनौती
टीम के सदस्यों ने बताया कि हाइड्रोजन काफी हल्की गैस है और तेजी से फैलती है। यह तीन गुना अधिक ज्वलनशील भी है और अधिक ऊर्जा भी पैदा करती है। अगर पांच प्रतिशत भी मात्रा में है तो भी यह तेजी से आग पकड़ लेगी। यही वजह है कि हल्का सा लीकेज भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। हम भारत में पहली बार ऐसा करने में सफल रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।दोनों तरह के फ्यूल पर कार्य करता है इंजन
यह इंजन बायो फ्यृल के साथ हाइड्रोजन गैस पर चलाया जा सकता है। टीम ने शुरुआत में 100 प्रतिशत मिथेन से यह इंजन चलाया ओर उसके बाद हाइड्रोजन की मात्रा को बढ़ाते गए और मिथेन की मात्रा घटाते चले गए। अंत में यह पूरी तरह से हाइड्रोजन गैस पर शिफ्ट कर दिया गया।प्रधानमंत्री के जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को समर्पित
आयुष ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सैप एयरोस्पेस उसी लक्ष्य के लिए काम कर रहा है। कार्बन उत्सर्जन कम करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हम हरित ऊर्जा के साथ ड्रोन क्षेत्र में भी लगातार काम कर रहे हैं। उनके सह संस्थापक हैं प्रीतम जामोद और आइआइटी के प्रोफेसर सन्मुख दास केपी।सैप एयरोस्पेस की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई। टीम के अथक परिश्रम के कारण यह अविष्कार संभव हो पाया है। इस उपलब्धि के साथ सैप एयरोस्पेस अगली पीढ़ी के गैस टर्बाइन इंजन के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
- प्रो. मनोज सिंह गौर, निदेशक, आइआइटी जम्मू