Jammu Kashmir : बड़गाम में खोदाई में 1200 साल पुरानी भगवान विष्णु की मूर्ति व पंचमुखी मूर्ति का हिस्सा मिला
जांच के दौरान पाया गया कि यह भगवान विष्णु की करीब 1200 साल पुरानी मूर्ति है। इस मूर्ति में तीन सिर और चार हाथ हैं।सबसे ऊपर के हाथ में कमल का फूल है। यह गंधार और मथुरा शैली में निर्मित है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 07:23 AM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : बड़गाम जिले में ग्रामीणों को जमीन की खोदाई के दौरान करीब 1200 साल पुरानी भगवान विष्णु की मूर्ति के अलावा एक एक जगह पर पंचमुखी मूर्ति का हिस्सा मिला है। पुलिस ने इन दोनों ऐतिहासिक धरोहरों को सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग को सौंप दिया है।
बड़गाम के एसएसपी ताहिर सलीम ने बताया कि मंगलवार को गडसथु में ग्रामीण एक जगह खोदाई कर रहे थे। उन्हें वहां एक मूर्ति मिली, इसके बाद उन्होंने उसी समय पुलिस को सूचित किया। पुलिस कर्मियों का एक दल मौके पर पहुंचा और उन्होंने मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया।
जांच के दौरान पाया गया कि यह भगवान विष्णु की करीब 1200 साल पुरानी मूर्ति है। इस मूर्ति में तीन सिर और चार हाथ हैं।सबसे ऊपर के हाथ में कमल का फूल है। यह गंधार और मथुरा शैली में निर्मित है। इसके अलावा खाग क्षेत्र में भी खोदाई में एक अन्य मूर्ति मिली है। जांच में पता चला है कि यह मूर्ति किसी पंचमुखी मूर्ति का एक हिस्सा है। इन दोनों ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को हमने अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के उपनिदेशक मुश्ताक अहमद बेग को सौंप दिया है।
आपको बता दें कि इससे पहले इसी वर्ष मार्च में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा इलाके में झेलम नदी 9वीं शताब्दी की हरे पत्थर से बनी भगवान विष्णु की एक दुर्लभ तीन सिर वाली मूर्ति मिली थी। ये मूर्ति तब मिली जब कुछ मजदूर पुलवामा जिले के काकापुरा इलाके में झेलम नदी के किनारे से रेत निकाल रहे थे। उन्होंने मूर्ति को थाना काकापुरा को सौंप दिया। इसके बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मूर्ति को उप निदेशक अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय कश्मीर को सौंप दिया गया।अगस्त 2021 में भी मध्य कश्मीर के जिला बड़गाम के ही खानसाहिब इलाके में कुछ मजदूरों को खुदाई के दौरान देवी दुर्गा की 1,200 साल पुरानी मूर्ति मिली थी।
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