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Jammu Mayor Election : जम्मू मेयर चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज, कांग्रेस भी मैदान में उतरने को तैयार

Jammu Mayor Poll शनिवार 24 सितंबर को मेयर व डिप्टी मेयर के इस्तीफे की घोषणा होने के साथ ही जम्मू नगर निगम में चुनावी हलचल तेज हो गई है। विगत दिवस मेयर व डिप्टी मेयर ने तीसरे दिन अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है।

By anchal singhEdited By: Rahul SharmaUpdated: Fri, 30 Sep 2022 10:52 AM (IST)
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कारपोरेटर द्वारका चौधरी का कहना है कि वह मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नगर निगम में चुनावी मैदान सजना शुरू हो गया है। भाजपा के साथ अब कांग्रेस और निर्दलियों ने भी बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। वे किसी भी सूरत में बिना लड़े भाजपा को जीतने नहीं देना चाहते। कांग्रेस की तरफ से निगम में चीफ व्हिप द्वारका चौधरी को मेयर पद का प्रत्याशी बनाने की अटकलें लगाई जा रही हैं जबकि डिप्टी मेयर पद के लिए निर्दलियों में से किसी एक को मौका देने की तैयारी चल रही है।

कांग्रेस के चीफ व्हिप द्वारका चौधरी हो सकते हैं मेयर पद के प्रत्याशी : शहर के वार्ड नंबर 46, संजय नगर से कांग्रेस की सीट से दूसरी बार कारपोरेटर जीत कर आए द्वारका चौधरी ने मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल करने की हामी भर दी है। अलबत्ता निर्दलियों के साथ मिलकर ही यह चुनाव लड़ा जाएगा। कांग्रेस में रहे वार्ड नंबर 28 से कारपोरेटर गौरव चोपड़ा के गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी में शामिल हो जाने के चलते, उन्हें कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है और किसी को भी उनका समर्थन नहीं करने के लिए कहा गया है। हालांकि गौरव चोपड़ा व्यक्तिगत पैठ रखते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस उनसे निगम में कांग्रेस के व्हिप का पद भी छीनने जा रही है।

कांग्रेस के पास 13 कारपोरेटर : ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस के खिलाफ ज्यादा गतिविधियों में संलिप्त पाए गए तो उनके खिलाफ कांग्रेस नियमों के तहत कार्रवाई भी करेगी। स्थिति यह है कि नगर निगम में कांग्रेस 14 सीटों से जीती थी जिनमें से गौरव चोपड़ा के निकल जाने के बाद कांग्रेस के पास 13 ही कारपोरेटर रह गए हैं। वहीं निगम चुनावों में 18 निर्दलीय जीत कर आए थे। उनमें से तीन भाजपा में शामिल हो गए और एक कारपोरेटर विजय चौधरी का निधन हो गया। अब 14 निर्दलीय ही शेष रह गए हैं। कांग्रेस व निर्दलियों को मिलाकर आंकड़ा 27 का बनता है जबकि भाजपा के पास मौजूदा समय में 44 कारपोरेटर हैं। जीतने के लिए 37 वोट ही चाहिए। लिहाजा भाजपा के पास बहुमत है।कारपोरेटर द्वारका चौधरी का कहना है कि वह मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने को तैयार हैं। पार्टी जो भी फैसला लेगी, उन्हें मंजूर होगा। मैदान को खाली नहीं छोड़ा जा सकता है।

शनिवार से जारी है हलचल : शनिवार, 24 सितंबर को मेयर व डिप्टी मेयर के इस्तीफे की घोषणा होने के साथ ही जम्मू नगर निगम में चुनावी हलचल तेज हो गई है। विगत दिवस मेयर व डिप्टी मेयर ने तीसरे दिन अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है। भाजपा की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के चलते फिलहाल प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों की मानें तो कारपोरेटर बलदेव सिंह बलोरिया मेयर और कारपोरेटर प्रमोद कपाही डिप्टी मेयर पद के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि अंतिम फैसला पार्टी का ही माना जाएगा। कारपोरेटर राजेंद्र शर्मा, कारपोरेटर संजय बडू, कारपोरेटर नीरज पुरी के नाम भी चर्चाएं चल रही हैं।

46 महीनों में 17 जनरल हाउस की बैठकें : चंद्र मोहन गुप्ता 46 महीने तक मेयर रहे। म्यूनिसिपल एक्ट 2000 के तहत हर महीने कम से कम एक जनरल हाउस की बैठक करवाने के विपरीत 46 महीनों में मात्र 17 जनरल हाउस की बैठकें ही हो पाईं। मेयर ने 15 नवंबर 2018 को पदभार संभाला था और दिसंबर 2018 में पहली जनरल हाउस पहली बैठक करवाई गई थी। जनरल हाउस की बैठकें नहीं होने के चलते विकास कार्याें पर भी प्रभाव पड़ा। अधिकतर वार्डों में काम नहीं हो पाए। इससे कारपोरेटरों में रोष व्याप्त रहा। विपक्षी ही नहीं भाजपा के अपने कारपोरेटर भी इसे लेकर रोष में रहे। ऐसे ही कारणों के चलते 21 कारपोरेटरों ने आला कमान को मेयर को बदलने की सलाह दी थी। नतीजा आज सामने है और 14 महीने के लिए नया मेयर चुना जाएगा।

बलोरिया, कपाही हुए चर्चित : भाजपा की ओर से कारपोरेटर बलदेव सिंह बलोरिया व प्रमोद कपाही के मेयर व डिप्टी मेयर बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। नगर निगम कार्यालयों व कारपोरेटरों में भी इन दोनों के नाम चर्चा में हैं। हालांकि अंतिम फैसला भाजपा आलाकमान ने ही लेना है। भाजपा कारपोरेटर आलाकमान के हर फैसले को मानने को तैयार हैं। अलबत्ता इन दोनों को मौजूदा परिस्थितियों में जायज प्रत्याशी माना जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ भाजपा कारपोरेटरों ने कहा कि बलोरिया पार्टी में वरिष्ठ हैं और सभी को साथ लेकर चलने की योग्यता रखते हैं। वह दो बार चेयरमैन भी रहे और निर्विरोध चुने गए। कपाही भी वरिष्ठ नेता हैं। एक साल के कार्यकाल में किसी प्रकार की अड़चने नहीं पड़नी चाहिए। कारपोरेटर राजेंद्र शर्मा भी इस दौड़ में अपना भाग्य आजमाने के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं।