Jammu Kashmir : हर घर में नहीं पहुंच पाया नल से जल, 2300 करोड़ रुपये का 10 प्रतिशत ही दो वर्ष में खर्च हुआ
जम्मू संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक करीब 60 प्रतिशत घरों में ही नल पहुंचाए जा सके हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर नलों में पानी नहीं पहुंचाया जा सका है। पहाड़ी व दूरदराज क्षेत्रों में भी नल तो लगे हैं लेकिन पानी नहीं आता है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 11:15 AM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता : सरकारी लापरवाही के चलते जम्मू-कश्मीर जल संकट से जूझने को मजबूर है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल लगाने के लिए 2300 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन दो वर्ष में महज 10 प्रतिशत ही खर्च हो पाया, जबकि अन्य राज्यों में सरकारों ने 80 प्रतिशत तक खर्च कर दिया।
जम्मू संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक करीब 60 प्रतिशत घरों में ही नल पहुंचाए जा सके हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर नलों में पानी नहीं पहुंचाया जा सका है। पहाड़ी व दूरदराज क्षेत्रों में भी नल तो लगे हैं, लेकिन पानी नहीं आता है। जिस कारण अधिकतर लोग प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर हैं। जहां कहीं पानी आता भी है, वो भी स्वच्छ नहीं। लिहाजा ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों में अब भी लोग बावलियों का पानी पीने को मजबूर हैं।
सरकार का जल जीवन मिशन अभियान कागजों में तो आगे बढ़ रहा है, लेकिन जमीनी स्तह पर काम नहीं हो पा रहा। जम्मू शहर में ही पेयजल ढांचा चरमराया पड़ा है। शहर के विभिन्न इलाकों में पानी की लीकेज की समस्या बरकरार है। इतना ही नहीं बोरिया, शीतली फिल्ट्रेशन प्लांट में भी वर्षों पहले लगी मशीनरी बदली नहीं गई। अभी तक पंङ्क्षपग स्टेशनों के अपने फीडर तक नहीं लगे। बिजली बंद होने की सूरत में जलापूर्ति प्रभावित होकर रह जाती है।
दो साल में 57 प्रतशित घरों में ही नल का दिया जा सकाकनेक्शन : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सभी 20 जिलों में अगस्त 2022 तक जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। दो साल में कुल 10.39 लाख यानी 57 प्रतशित घरों में नल के पानी के कनेक्शन हैं। पिछले दो वर्ष में जम्मू-कश्मीर ने 4.67 लाख नए नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए हैं। सरकार ने दावा किया है कि श्रीनगर और गांदरबल जिले में 11 ब्लाक, 383 पंचायत और 1070 गांव में शत-प्रतिशत कनेक्शन दिए हैं। दूसरे चरण में प्रदेश सरकार ने 11 जिलों को कवर करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 153 ब्लाक, 1952 पंचायत और 3254 गांव शामिल हैं, जिसमें 4.93 लाख कार्यात्मक घरेलू नल शामिल हैं। इस मिशन के अंतिम चरण में 121 ब्लाक, 1660 पंचायतों और 2623 गांवों वाले सात जिलों को 3.12 लाख घरेलू नल कनेक्शन से कवर किया जाएगा।
चीफ इंजीनियर ही नहीं, अन्य अधिकारियों की भी तय हो जवाबदेही : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वार्ड 16 से कारपोरेटर राजेंद्र शर्मा का कहना है कि जम्मू शहर ही नहीं आसपास के इलाकों में भी जल संकट बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्र का जल जीवन मिशन का प्रयास सराहनीय है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक इच्छाशक्ति के अभाव के चलते योजनाएं जमीनी स्तर तक नहीं पहुंचा पा रही हैं। वर्ष 2020 में केंद्र ने जल जीवन मिशन के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए जो 2300 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। फंड मंजूर होने के बावजूद काम नहीं हो पा रहा है। सरकार ने जल शक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर सरकारी औपचारिकता निभाई है जबकि सभी की जबावदेही तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अन्य राज्यों में 80 प्रतिशत काम हुआ है तो साफ है कि यह जम्मू-कश्मीर में प्लानिंग की एक बड़ी विफलता है।
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