Kashmir : वरिष्ठ शिया नेता, आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन अब्बास अंसारी का निधन
Shia Leader Abbas Ansari Passes Away पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अब्बास अंसारी लंबे समय से ठीक नहीं चल रहे थे और कुछ दिनों से उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। उन्होंने बताया कि आज सुबह नवाकदल क्षेत्र स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaUpdated: Tue, 25 Oct 2022 10:29 AM (IST)
श्रीनगर, जेएनएन : कश्मीर के वरिष्ठ शिया नेता और आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन मौलाना अब्बास अंसारी का एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। इत्तिहादुल मुसिलमीन के संस्थापक और अध्यक्ष मोहम्मद अब्बास अंसारी का निधन श्रीनगर में खानखाई सुबाह नवाकदल स्थित उनके आवास पर हुआ।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अब्बास अंसारी लंबे समय से ठीक नहीं चल रहे थे और कुछ दिनों से उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। उन्होंने बताया कि आज सुबह नवाकदल क्षेत्र स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। ज़ुहर की नमाज़ के बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। उन्हें बाबामजार जदीबल में उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
अंसारी की तबीयत खराब होने पर उन्हें हाल ही में स्किमस सौरा में भर्ती कराया गया था। उस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला और अपनी पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अल्ताफ बुखारी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए उनसे मिलने भी गए थे। स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें फिर से घर भेज दिया गया। जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
आपको बता दें कि अंसारी ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें कश्मीर में एक उदारवादी अलगाववादी नेता माना जाता था। उनकी मृत्यु की सूचना जैसे ही घाटी में फैली सारा माहौल गमगीन हो गया। उनके अंतिम दर्शनों के लिए उनके घर के बाहर लोगों की काफी भीड़ एकत्र हुई है।
अपनी पार्टी में शामिल हुए पूर्व राज्य सचिव पीडीपी रवि बाली : अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने कहा कि डोगराओं ने कश्मीर, चिनाब घाटी और पीरपंजाल के प्रवासियो और विस्थापित लोगों के प्रति अपना बड़ा दिल दिखाया है और उनके साथ संसाधनों को सांझा किया है।जम्मू में अल्ताफ बुखारी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम जम्मू के भाईचारे, आतिथ्य और उन लोगों के प्रति मिलनसार रवैये को कैसे भूल सकते हैं जो 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम के दौरान कश्मीर, चिनाब घाटी और पीरपंजाल के कुछ हिस्सों से अपने मूल स्थानों से विस्थापित हो गए थे। यूथ विंग प्रांतीय अध्यक्ष जम्मू विपुल बाली ने कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मौके पर पूर्व राज्य सचिव पीडीपी रवि बाली अपने दर्जनों समर्थकों के साथ अल्ताफ बुखारी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपनी पार्टी में शामिल हुए। बुखारी ने पार्टी में उनका स्वागत किया और उम्मीद जताई कि उनके शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।बुखारी ने कहा कि जम्मू एक ऐसा शहर है जहां डोगरा का दिल बड़ा है। उन्होंने अपना आतिथ्य दिखाया और कश्मीरी हिंदुओं, कश्मीरी मुसलमानों, डोडा, किश्तवाड़, राजौरी और पुंछ जिलों के उन लोगों की मदद की जिन्हें अपने घरों को छोड़कर जम्मू में शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए जम्मू के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
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