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कश्मीर : भावुक थे लोग, आतंक के खिलाफ उबल रहा था खून; बलिदानी एसपीओ व भाई के जनाजे में उमड़े हजारों लोग

उमर जान अभी पढ़ाई कर रहा था। शनिवार देर शाम को जब आतंकियों ने उनके घर में घुसकर उन्हें गोलीबारी की तो उस समय वह अपने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भाई के साथ ही घर में था। उमर गंभीर रूप से घायल हो गया था।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Mon, 28 Mar 2022 01:51 PM (IST)
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दोनो भाइयों के पार्थिव शरीर घर पहुंचने के बाद पूरे गांव में गम और गुस्से का माहौल था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : बड़गाम जिले के छत्तबुग क्षेत्र में एक घर से दो भाइयों के जनाजे देख कश्मीर में हर आंख नम थी तो वहीं आतंक के खिलाफ हर किसी का खून भी उबल रहा था। जनाजे में श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। बुजुर्ग, अधेड़, जवान और हर उम्र के लोगों में आतंकियों की कायराना हरकत पर आक्रोश था। ङ्क्षहदोस्तान जिंदाबाद...जेके पुलिस जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे। गत शनिवार देर शाम हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए एसपीओ इशफाक अहमद के भाई उमर जान ने भी रविवार को अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

उमर जान अभी पढ़ाई कर रहा था। शनिवार देर शाम को जब आतंकियों ने उनके घर में घुसकर उन्हें गोलीबारी की तो उस समय वह अपने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भाई के साथ ही घर में था। उमर गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके भाई ने शनिवार को ही दम तोड़ दिया था। उमर का इलाज जेवीसी अस्पताल बेमिना में चल रहा था। सुबह पांच बजे उसे डाक्टरों ने मृत घोषित किया। वहीं दोनो भाइयों के पार्थिव शरीर घर पहुंचने के बाद पूरे गांव में गम और गुस्से का माहौल था। स्वजन का रो-रोक कर बुरा हाल था।

दोनों की मां बार-बार कह रही थी कि उनकी दोनों किडनियां एक साथ निकाल दी। अब वह किस तरह से ङ्क्षजदा रहेगी। दोनों बेटों के बलिदान होने के बाद उनकी आंखों से आंसुओं का सैलाब थम नहीं रहा था। रिश्तेदार व आसपास के लोग उन्हें संभाल रहे थे। वह बार-बार यही कह रही थी कि किस तरह से वे अब ङ्क्षजदा रहेगी। यह दृश्य देखकर मौजूद अन्य लोगों की आंखें नम हो गई थी। उमर चार भाइयों में सबसे छोटा था। उसके तीन बड़े भाई पुलिस में थे। दोनों भाइयों का जब जनाजा निकाला तो उसमें भारी संख्या में लोगों की भीड़ थी। लोग आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।

बलिदानी एसपीओ के घर पहुंचे आइजीपी : कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) विजय कुमार रविवार को आतंकी हमले में बलिदान हुए एसपीओ इशफाक अहमद के घर गए और उन्होंने स्वजन के प्रति संवेदना जताई। इश्फाक के अलावा उसका छोटा भाई भी मारा गया है। आइजीपी के साथ डीआइजी और एसएसपी बडगाम भी थे। आइजीपी ने परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि पूरा पुलिस परिवार दुख की इस घड़ी में उनके साथ है। दोनों भाइयों के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान : आतंकियों को पकडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने छत्तबुग गांव को घेर कर शनिवार देर शाम से अभियान चलाया था जो रविवार सुबह तक जारी रहा। इस दौरान किसी आतंकी के पकड़े जाने की कोई सूचना नहीं है। 

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