Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Independence Day 2023: 'भारत माता की जय' के नारों से गूंजा विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध स्थल सियाचिन

विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर 77वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। ग्लेशियर की हर अग्रिम चौकी पर तिरंगा लहराने के साथ सैनिकों ने भारत माता की जय के नारे लगातए। स्नो स्कूटरों पर तिरंगे लहराते हुए पेट्रोलिंग की। जम्मू से लेकर लद्दाख के हर अग्रिम इलाकों में देश की खातिर हर कुर्बानी देने के अपने प्रण को दोहराया।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 11:55 AM (IST)
Hero Image
''भारत माता की जय'' के नारों से गूंजा विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध स्थल सियाचिन

जम्मू, राज्य ब्यूरो। विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) 77वें स्वतंत्रता दिवस पर (77th Independence Day) भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। ग्लेशियर की हर अग्रिम चौकी पर तिरंगा लहराने के साथ सैनिकों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए स्नो स्कूटरों पर तिरंगे लहराते हुए पेट्रोलिंग की(Soldiers Hoisted Flag in Siachen Glacier)।

दुश्मनों को हद में रहने का स्पष्ट संकेत 

सरहदों के रक्षकों ने मंगलवार को जम्मू से लेकर लद्दाख के हर अग्रिम इलाकों में स्वतंत्रता दिवस पर देश की खातिर हर कुर्बानी देने के अपने प्रण को दोहराया। सीमांत क्षेत्रों में शान से तिरंगे लहरा रहे सुरक्षाकर्मियों ने दुश्मन को अपनी हद में रहने का स्पष्ट संदेश भी दिया। जम्मू कश्मीर व लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने स्वतंत्रता दिवस पर सैनिकों को बधाई दी।

लिकारू-मिग ला-फुकचे का निर्माण शुरू किया

इसी बीच स्वतंत्रता दिवस पर सीमा सड़क व सेना ने देशवासियों को कई तोहफे भी दिए। देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीमा सड़क संगठन ने लद्दाख में एक और रणनीतिक सड़क लिकारू-मिग ला-फुकचे का निर्माण शुरू किया। लद्दाख में 19400 फीट की ऊंचाई पर बनने वाली यह सड़क, इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क उमलिंग ला से भी ऊंची सड़क होगी।

दन्ना के लोगों को 115 फीट लंबे पुल का तोहफा

वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता दिवस सेना ने कश्मीर के मच्छल नाला एलओसी पर आखिरी गांव दन्ना के लोगों को 115 फीट लंबे पुल का तोहफा दिया। वीर चक्र विजेता बलिदानी मेजर भगत सिंह को समर्पित इस पुल का उद्घाटन वर्ष 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके नब्बे वर्षीय पूर्व सैनिक मियां गुल खान ने रिबन काटकर किया।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर