Ladakh News: सोनम वांगचुक की आवाज बनेंगे नए सांसद हाजी हनीफा, संसद में उठाएंगे लद्दाख की ये चार मांगें
चुनाव खत्म होने के साथ-साथ लद्दाख में फिर वो चार मुद्दे गर्माने लगे हैं जिनके लिए सोनम वांगचुक आमरण अनशन पर बैठे थे। दरअसल लद्दाख से जीतने वाले निर्दलीय सांसद हाजी हनीफा जान ने चुनाव लड़ने से पहले लद्दाखवासियों को विश्वास दिलाया था कि वे दिल्ली तक कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस और लेह एपेक्स बॉडी के राज्य दर्जे संविधान की छठी अनुसूची लागू करने मुद्दे को लेकर जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी हाजी हनीफा जान की जीत के साथ ही लद्दाख की राजनीति में केंद्र शासित प्रदेश को राज्य दर्जे की मांग समेत स्थानीय मुद्दे फिर गर्माने लगे हैं। इस बार आवाज मजबूती से उठने लगी है कि लद्दाख को राज्य बनाएं या इसे फिर से जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बना दें।
बता दें कि हाजी हनीफा जान ने कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस और लेह एपेक्स बॉडी के राज्य दर्जे, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था। इन मुद्दों पर पूरे कारगिल जिले के राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठन एकजुट हो गए थे।
हनीफा को उम्मीदवार बनाने के समर्थन में नेशनल कॉन्फ्रेंस की कारगिल इकाई ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। अब इन मुद्दों को लोकसभा में उठाकर तूल दिया जाएगा।
लद्दाखियों की मांगों को दिल्ली में उठाएंगे हाजी
हाजी हनीफा जान ने कहा कि वह लद्दाखियों की उम्मीदों को पूरा करने वाले चार सूत्रीय एजेंडे को लोकसभा के अंदर व बाहर जोरशोर से उठाएंगे। केंद्र सरकार से बातचीत के माध्यम से राज्य दर्जे, संवैधानिक सुरक्षा जैसी लद्दाखियों की मांगों को हल करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
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भाजपा को पराजित करने वाले हनीफा जान ने कहा कि लद्दाख का चार सूत्रीय एजेंडा उनका चुनावी मुद्दा था। इसलिए वह इन मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत में हिस्सा ले चुके कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस व लेह एपेक्स बाडी की आवाज बनेंगे।
हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि बातचीत से लद्दाख के मसलों का समाधान हो, ऐसा न होने की स्थिति में हम अपना हक हासिल करने के लिए अन्य विकल्प तलाशेंगे। हनीफा ने कहा है कि केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि राज्य दर्जा, छठी अनुसूची, अलग लोक सेवा आयोग व लोकसभा की दो सीटें पूरे लद्दाख की मांग है।लद्दाख के करीब 80 प्रतिशत लोगों ने इन मुद्दों को लेकर मुझे व कांग्रेस को वोट दिया है। करीब 1.03 लाख लोगों ने लद्दाख के मुद्दों पर वोट देकर अपना फैसला सुनाया है। केंद्र में जो भी सरकार बनती है, उसे इस फैसले का सम्मान करते हुए लद्दाखियों की उम्मीदें पूरी करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव लद्दाखियों की उम्मीदों को एक रिफ्रेंडम था। यह बात समझने की जरूरत है।
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