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आतंकियों पर मौत बनकर बरसेगा सेना का अचूक UAV, दहशतगर्दों के लॉन्चिंग पैड को चंद मिनटों में करेगा तबाह

हैदारबाद की कंपनी रिडोन सिस्टम ने सेना के लिए अचूक यूएवी तैयार किया है। अचूक यूएवी आतंकियों के लॉन्चिंग पैड तबाह कर दुश्मन का आघात देने में पूरी से सक्षम है। बैरल से फायर किए जाने के बाद यह दुश्मन पर मौत बनकर बरसेगा। अचूक का भार 11 किलोग्राम है। वहीं इसे लॉन्च करने वाली बैरल का भार 15 किलो है। बैरल से 50 ड्रोन लॉन्च किए जा सकते हैं।

By vivek singhEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 09:46 PM (IST)
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आतंकियों पर मौत बनकर बरसेगा सेना का अचूक UAV (फोटो- जागरण)
जम्मू, विवेक सिंह। India Army Achuk UAV सीमा पार आतंकियों का कोई बड़ा लॉन्चिंग पैड, बंकर हो या आतंकियों के छिपने का कोई ठिेकाना ही हो, अचूक यूएवी, स्पेशल फोर्स के किसी कमांडो की तरह उसे तलाश कर मिट्टी में मिला देगा। फर्क सिर्फ इतना है कि अचूक दुश्मन को तबाह करने के लिए आत्मघाती प्रहार करते हुए खुद भी खत्म हो जाएगा।

एक बार दुश्मन की जीपीएस लोकेशन मिलने के बाद अचूक को बस बैरल से हवा में मिसाइल की तरह दागना है। दागे जाने के बाद यह एक यूएवी की तरह अपने लक्ष्य की लोकेशन तक पहुंचेगा व उस पर चंद मिनट मंडराने के बाद मौत बनकर उस पर नीचे गिर जाएगा।

हैदराबाद की कंपनी ने तैयार किया है अचूक यूएवी

दुश्मन को तबाह करने के लिए आत्मघाती मिशन करने वाले इस यूएवी को हैदारबाद की कंपनी रिडोन सिस्टम ने तैयार किया है। सेना ने आईआईटी जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोजियम में अचूक के प्रति बहुत दिलचस्पी दिखाई। इस अटैक यूएवी में डेढ़ किलो हाई एक्सपलोसिव दुश्मन के किसी टैंक, बंकर को तबाह करने के लिए काफी है। सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने की स्थिति में दुश्मन पर ठीक उस तरह से हवा से वार करना संभव होगा जिस तरह से अमरीकी सेना अफगानिस्तान में करती रही है।

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अचूक यूएवी की खासियत

अचूक का भार महज 11 किलोग्राम है। वहीं इसे लॉन्च करने वाली बैरल का भार 15 किलो है। बैरल से 50 बार ड्रोन लॉन्च किए जा सकते हैं। कम भार होने के कारण अचूक सिस्टम को आसानी से किसी भी जगह ले जाकर दुश्मन के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके पांच प्रणालियों में फिक्स विंग यूएवी, हाई एक्पलोसिव, बैरल लांचर, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन व संचार सिस्टम शामिल है।

अचूक यूएवी में लगा है हाई डेफिनिशन कैमरा

सौ किलोमीटर प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने वाले अचूक पर लगे हाई डेफिनिशन कैमरा से दुश्मन को तबाह होने तक देखा जा सकता है। जब से आसमान से दुश्मन पर गिरेगा तो इसकी गति डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसे लगभग पंद्रह हजार फीट की उंचाइ पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फायर किए जाने के बाद अपनी बैटरियों की मदद से करीब 45 मिनट तक हवा में उड़ सकता है। इसे दिन या रात में किसी भी समय इस्तेमाल किया जा सकता है।

दुश्मन के किसी में इलाके में मचा सकती है तबाही

बैरल से फायर किए जाने के बाद अचूक तीस किलोमीटर तक किसी भी इलाके में दुश्मन को तबाह कर सकता है। अगर किसी कारण से इस अटैक मिशन को हवा में रद करना पड़े तो अचूक को पंद्रह किलोमीटर का सफर करने से पहले वापस लाया जा सकता है। अगर यह पंद्रह किलोमीटर से आगे जा चुका होगा तो वह अपने मिशन को पूरा करके ही रहेगा। यह कहना है इस बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर रंजीत रेड्डी का।

रेड्डी का कहना है कि उनकी कंपनी जनवरी 2021 से रक्षा क्षेत्र की जरूरतें पूरा करने के लिए काम कर रही है। हमारा लक्ष्य ड्रोन बनाने में अग्रणी होकर सशस्त्र सेनाओं व सुरक्षा बलों की जरूरत को पूरा करना है। ऐसे में हम निगरानी करने के साथ लद्दाख जैसे उच्च्तम क्षेत्र में सामान ले जाने में सक्षम ड्रोन भी बना रहे हैं। इस समय हम सौलह बैरल वाला लांचर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

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