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India Canada Row: 'सबूत हैं तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करें', ट्रूडो के बयान पर बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भारत और कनाडा के बीच बढ़ रही टेंशन पर प्रतिक्रिया दी है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जस्टिन ट्रूडो के पास सबूत हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचने का खतरा है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 20 Sep 2023 05:29 PM (IST)
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'सबूत हैं तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करें', ट्रूडो के बयान पर बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू, पीटीआई। Omar Abdullah On India Canada Row भारत और कनाडा के बीच बढ़ी टेंशन पर अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर चिंता व्यक्त की। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचने का खतरा है।

कनाडा के प्रधानमंत्री (Justin Trudeau) के बयान के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि यदि उनके पास सबूत हैं तो उन्हें इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करने दें। उमर अब्दुल्ला ने कहा, "...उनका दावा है कि यह चल रही जांच पर आधारित है। उनके लिए जांच पूरी होने तक इंतजार करना उचित होता। क्योंकि उन्होंने अब जांच के निष्कर्षों को टाल दिया है।"

'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा'

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने आगे कहा कि अगर उनके पास अपने दावे का समर्थन करने के लिए सबूत हैं, तो मैं विनम्रतापूर्वक उन्हें सुझाव दूंगा कि वह इन सबूतों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि कनाडा के साथ संबंध हमेशा बहुत अच्छे रहे हैं और उनका बयान एक बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

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'हम भारत-पाकिस्तान बातचीत का समर्थन करते हैं'

उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर मसले को हल करने के लिए एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हमने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का समर्थन किया है। लेकिन उनके बीच बातचीत फिर से शुरू करने के लिए एक अनुकूल माहौल की आवश्यकता है। यह न केवल भारत की जिम्मेदारी है, बल्कि पाकिस्तान पर भी यह जिम्मेदारी है कि वह उस माहौल को बातचीत के लिए अनुकूल बनाए।"

उन्होंने कहा, ''मुझे (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी के शब्द हमेशा याद आते हैं कि आप अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम चाहे कुछ भी करें, वह देश (पाकिस्तान) हमारा पड़ोसी ही रहेगा। लेकिन बातचीत शुरू करने के लिए यह जरूरी है कि माहौल अनुकूल रहे।

महिला आरक्षण बिल पर क्या बोले पूर्व CM?

बुधवार को संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने कहा कि बिल के मसौदे को देखते हुए इसे लागू होने में कम से कम 10 साल लगेंगे। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बिल अपने कार्यान्वयन से पहले परिसीमन और जनगणना के बारे में बात कर रहा है। इसका मतलब है कि 2029 से पहले कोई उम्मीद नहीं है और पूरी संभावना है कि यह 2034 तक जाएगा।

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