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Kargil Vijay Diwas 2024: शौर्य गाथा और रोमांच के दर्शन कराता है कारगिल, जांबाजों की कर्मभूमि आकर भावुक हो जाते हैं पर्यटक

साल 1999 में भारत-पाक युद्ध में जवानों ने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे। सेना के इस अभियान में कारगिल के लोगों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज यहां के लोग बढ़ते बढ़ते पर्यटन में बेहतर भविष्य तलाश रहे हैं। कारगिल विजय की रजत जयंती को लेकर यहां के लोगों में खासा उत्साह तो है ही इसके साथ ही पर्यटकों की भी भारी भीड़ है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 19 Jul 2024 07:39 PM (IST)
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जागरण विशेष : यात्रा : शौर्य गाथा और रोमांच के दर्शन कराता पर्यटन का नया केंद्र कारगिल
विवेक सिंह, जम्मू। बलिदानियों की कर्मभूमि कारगिल में अब पर्यटन की धूम है। 25 साल पहले जिस कारगिल में पाकिस्तानी तोपें घुस आई थीं, वहां आज भारतीय सेना के जांबाजों की असाधारण वीरता देशवासियों को खींच लाती है।

वर्ष 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े कारगिल के निवासी आज बढ़ते पर्यटन में बेहतर भविष्य तलाश रहे हैं। कारगिल विजय की रजत जयंती मनाने की तैयारियों के बीच इस समय इस क्षेत्र में पर्यटकों की भीड़ है।

यह इसलिए भी बताना जरूरी है कि पर्यटक पहले कारगिल न रुकते हुए सीधे लेह चले जाते थे। आज ऐसा नहीं है, लद्दाख पहुंचने वाले पर्यटक द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक जरूर आते हैं और यहां बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करना अपना कर्तव्य समझते हैं।

बता दें कि सेना ने हाल ही में कारगिल की आर्यन वैली में स्थित अपने खलुबार युद्ध स्मारक को भी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडे व महावीर चक्र विजेता कैप्टन केसी नुनग्रुम इसी जगह सद्गति को प्राप्त हुए थे।

वर्ष 1999 के बाद युद्ध का अगला साल दुश्मन की गोलाबारी से प्रभावित कारगिल के लिए बहुत अच्छा नहीं था। वर्ष 2000 में कारगिल में तीन दर्जन से भी कम पर्यटक पहुंचे थे, किंतु आज 25 साल बाद यह आंकड़ा तीन लाख को छूने लगा है।

वर्ष 2023 में कारगिल में पौने तीन लाख पर्यटक पहुंचे थे, जिनमें 4655 विदेशी थे। इस वर्ष अब तक करीब 1.90 लाख पर्यटक आ चुके हैं और इनमें 1550 विदेशी हैं। यह आंकड़ा लगातार आगे बढ़ेगा। कारगिल जिले में मई से सितंबर तक पर्यटन गतिविधियां चरम पर रहती हैं।

बता दें कि वर्ष 2018 तक कारगिल आने वाले सैलानियों का आंकड़ा एक लाख से कम रहा था। पिछले पांच सालों में पर्यटन में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है।

इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। टूर एंड ट्रैवल से जुड़े कारगिल के हसन पाशा का कहना है कि पर्यटन में वृद्धि होना उत्साहजनक है।

पिछले दो दशक में कारगिल जिले में होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। पर्यटन क्षेत्र में लोगों को आसान रोजगार मिल रहा है।

वर्ष 1999 तक कारगिल में नाममात्र के होटल थे। आज करीब तीन सौ होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं। लद्दाख नई होम स्टे नीति के तहत लोगों को होम स्टे बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि उन्हें अपने होम स्टे में पर्यटकों को किसी प्रकार से अच्छी सुविधाएं देनी हैं।

युद्ध की यादों को देखकर भावुक हो जाते हैं पर्यटक

चंडीगढ़ से अपने पिता के साथ कारगिल पहुंची सारिका कहती है कि द्रास आकर वह नि:शब्द हो गई हैं। वह शब्दों से यह बयां नहीं कर सकतीं कि सेना के वीरों ने किन हालात में ऊंची और दुर्गम चोटियों पर चढ़कर दुश्मन को पराजित कर जीत हासिल की होगी।

सारिका की तरह द्रास युद्ध स्मारक पहुंचे अन्य पर्यटक भी वहां म्यूजियम में सेना द्वारा सहेज कर रखी गई युद्ध की यादों को देखकर भावुक हो जाते हैं।

नए पर्यटन स्थल विकसित करने पर काम: सहायक पर्यटन निदेशक

कारगिल में पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक रहमतउल्लाह बट का कहना है कि हम जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। नए पर्यटन स्थल विकसित करने पर काम हो रहा है।

कारगिल में एडवेंचर टूरिज्म व विंटर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। देश-विदेश के पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं कि कारगिल आने पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं मिलें। ऐसे में पर्यटन विभाग जिले में में होटल, होम स्टे बनाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

कैसे पहुंचें कारगिल 

कारगिल के द्रास सेक्टर और अन्य दर्शनीय स्थल तक जाने के लिए पहले आपको सड़क या हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचना होगा। वहां से आप टैक्सी के माध्यम से चार घंटे में आप द्रास पहुंच सकते हैं। अन्य सस्ते विकल्प भी उपलब्ध है।

लेह से भी आप कारगिल की तरफ आ सकते हैं पर रोमांचक सफर के लिए ज्यादातर पर्यटक श्रीनगर से कारगिल जाना पसंद करते हैं। इस दौरान आप सफर में खूबसूरत नजारों को कैद कर पाएंगे। द्रास सेक्टर श्रीनगर से 143 किलोमीटर की दूरी पर है। कारगिल शहर उससे 58 किलोमीटर दूर है।

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