Jammu AIIMS: एक अगस्त को खुल सकता है जम्मू एम्स, अब मरीजों को नहीं लगाने होंगे चंडीगढ़-दिल्ली के चक्कर
अब जल्दी ही जम्मू कश्मीर के लोगों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) एम्स (Jammu Kashmir AIIMS) का दौरा कर ओपीडी का उद्घाटन कर सकते हैं। वहीं अब मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई और दिल्ली एम्स के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एम्स में कुल 50 विभाग हैं और इनमें से 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जम्मू को लेकर मरीजों का इंतजार अब समाप्त होने वाला है। पहली अगस्त से ओपीडी सेवाएं शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एम्स का दौरा कर ओपीडी का उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
इस महीने के प्रथम सप्ताह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने एम्स प्रशासन को 15 दिनों के भीतर ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश जारी किए थे। हालांकि, 15 दिनों के बाद तो ओपीडी सेवाएं शुरू नहीं हो पाईं, लेकिन इसके बाद से ही एम्स में ओपीडी, लैब सेवाएं शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई थी। इसके लिए पहले से ही एम्स में ड्राई रन भी हो चुका है। डॉक्टरों की नियुक्ति भी दो वर्ष पहले ही हो चुकी है।
एम्स में होंगे कुल 50 विभाग और 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग
एम्स में कुल 50 विभाग हैं और इनमें से 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग हैं। एम्स प्रशासन के अनुसार, एक अगस्त से ही ओपीडी सेवाएं शुरू करने की तैयारी चल रही है। विभिन्न विभागों में हर दिन दो से तीन हजार मरीजों के ओपीडी में जांच करवाने की उम्मीद जताई जा रही है। उसी के अनुरूप एम्स में तैयारी चल रही है। हालांकि, इस बारे में अभी एम्स प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसा तय माना जा रहा है कि पहले ओपीडी सेवाएं ओर उसके कुछ सप्ताह बाद आईपीडी सेवाएं भी शुरू कर दी जाएंगी।
अब जम्मू के लोगों को नहीं जाना होगा दिल्ली- चंडीगढ़
अभी जम्मू के हजारों मरीज ओपीडी में जांच करवाने के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में जाते हैं, लेकिन विजयपुर में एम्स के शुरू होने के बाद न सिर्फ जम्मू बल्कि पड़ोसी पंजाब और हिमाचल प्रदेश से भी मरीज जांच के लिए आ सकते हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि एम्स को पूरी तरह से पेपर मुक्त बनाया गया है। एम्स में पहले से ही शोध कार्य चल रहे हैं। इसके लिए कई संस्थानों के साथ आपसी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।