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देश में खतरा कहीं भी हो देवदूत बन पहुंचते हैं जम्मू एयर फोर्स स्टेशन के हेलीकॉप्टर, पढ़ें कहां-कहां किए ऑपरेशन

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में बरसात में जब आपदा आई को जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की 130 हेलीकॉप्टर यूनिट मंडी व कांगड़ा में लोगों को बचाने के लिए देवदूत बन गई। लोगों को बचाने व प्रभावितों तक रात सामग्री पहुंचाने के लिए 130 हेलीकाप्टर यूनिट ने 142 उड़ानें भरी। इसमें से 69 उड़ानें मंडी जिले के लिए व 73 कांगड़ा के लिए 73 उड़ाने भरी गईं।

By vivek singhEdited By: Jeet KumarUpdated: Thu, 05 Oct 2023 07:00 PM (IST)
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हर खतरे से देशवासियों को बचाने को तैयार रहते हैं जम्मू एयर फोर्स स्टेशन के हेलीकाप्टर
राज्य ब्यूरो, जम्मू। चुनौती चाहे दुश्मन की हो या फिर प्राकृत्ति की, जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के जाबांज हवाई योद्धा उनका सामना कर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरदम तैयार हैं। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में बरसात में जब आपदा आई को जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की 130 हेलीकॉप्टर यूनिट मंडी व कांगड़ा में लोगों को बचाने के लिए देवदूत बन गई।

हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी आपदा में लोगों को बचाया

अपना 91वां स्थापना दिवस की तैयारियों के बीच गुरुवार को जम्मू में वायुसेना की 130 हेलीकाप्टर के पायलटों ने देशवासियों को आश्वस्त किया कि उन्हें हर खतरे से बचाया जाएगा। इस दौरान हेलीकॉप्टर पायलटों ने आपदाओं से निपटने के लिए वायुसेना की तैयारियों के साथ हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी बाढ़ से उपजे हालात में चलाए गए राहत अभियान के बारे में संवाददाता सम्मेलन में विस्तार से जानकारी दी।

मंडी, कांगड़ा में लोगों को बचाने के लिए उड़ान भरी

अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में हिमाचल में आई आपदा से उपजे हालात का हवाला देते हुए जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के एयर आफिसर कमांडिंग, एयर कमोडोर सागर सिंह रावत ने पत्रकारों को बताया कि कठिन हालात में हमारे हेलीकाप्टरों ने लोगों को बचाने व प्रभावितों तक रात सामग्री पहुंचाने के लिए 130 हेलीकाप्टर यूनिट ने 142 उड़ानें भरी। इसमें से 69 उड़ानें मंडी जिले के लिए व 73 कांगड़ा के लिए 73 उड़ाने भरी गईं।

बचाव अभियान द्वारा चलाया गया। इस दौरान पठानकोट से भरी गई उड़ानों में 1004 लोगों को बचाया गया। करीब 36 घंटे तक हवा में रहे हेलीकाप्टरों ने 73 उड़ाने भर लोगों को बचान के साथ प्रभावितों तक 3 टन राहत सामग्री भी पहुंचाई। वहीं मंडी से भरी गई 69 उड़ानों में 6 मरीजों समेत 27 लोगों को बचाया गया। करीब 23 घंटे तक उड़े हेलीकाप्टरों ने मंडी से प्रभावितों तक 35 टन राहत सामग्री पहुंचाई।

हेलीकॉप्टर जान बचाने के कई उपकरणों से लैस है

हेलीकॉप्टर यूनिट ने चुनौतियों का सामना करने की अपनी तैयारियों के साथ गुरुवार को उन सभी उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी, जिनकी मदद से लोगों को बचाया जाता है। इनमें विंच, हार्नेस, रेस्कयू क्रेडल मुख्य थे। इस दौरान घायलों को हवा में भी चिकिस्ता सुविधा देने के लिए तैयार किया गया वायुसेना के एमआइ 17 अआइवी एंबुलेंस हेलीकॉप्टर भी दिखाया गया। यह हेलीकॉप्टर जान बचाने के कई उपकरणों से लैस हैं।

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हेलीकॉप्टर यूनिट के कमान अधिकारी विंग कमांडर, इरफान वाहिद खान जरियाल ने एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे पत्रकारों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत अभियान की जटिलताओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोग हम पर भरोसा कर सकते हैं, हम उन्हें किसी भी प्राकृतिक आपदा या आपात हालात में उन्हें बचाने के लिए मौजूद रहेंगे।

ड्रोन की चुनौती के बारे में बताई ये बात

वहीं ड्रोन की चुनौती के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में एयर कमोडोर रावत ने कहा कि हम किसी भी प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। चुनौतियों का सामना करने के सभी उपाय किए गए हैं। एओसी ने कहा कि हमारा प्लेटफॉर्म दक्षता के साथ निगरानी और टोह लेने में सक्षम है।

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वहीं विंग कमांडर जुरियाल ने बताया कि राहत अभियान के दौरान बचाने के लिए आए वायुसेना के बड़े हेलीकॉप्टर को देखकर लोग अक्सर घबरा जाते हैं। ऐसे हालात में हमारे गरुड़ कमांडो फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाकर बचाव अभियान चलाने में सहयोग देते हैं।

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