Jammu: अपना घर तब भी सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए बैठे 48 नेता, जल्द करना होगा खाली; हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
श्रीनगर और जम्मू में सरकारी बंगलों पर कब्जा कर बैठे 48 नेताओं से बंगले खाली करवाने की मांग की गई है। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने एस्टेट विभाग को नोटिस जारी किया है और उन नेताओं की सूची मांगी है जिनके पास प्रदेश में अपना घर है। इसक बावजूद भी वह सरकारी आवासों पर कब्जा करे बैठे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। श्रीनगर और जम्मू में सरकारी बंगलों पर कब्जा कर बैठे 48 नेताओं से बंगले खाली करवाने की मांग के मामले में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने एस्टेट विभाग से उन नेताओं की सूची मांगी है, जिनके पास प्रदेश में अपना घर है।
48 नेताओं ने सरकारी बंगलों पर जमा रखा है कब्जा
इस मामले में एस्टेट विभाग ने 28 मार्च, 2023 को एक स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। इस रिपोर्ट में विभाग ने 48 नेताओं के नाम दिए थे। इनमें से 23 ने जम्मू और 25 ने श्रीनगर में सरकारी बंगलों पर कब्जा कर रखा है।
जिसका अपना घर वह सरकारी आवास का हकदार नहीं
इन नेताओं में पूर्व विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद व अन्य शामिल हैं। याचिका के एडवोकेट शेख शकील ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच को एस्टेट रेगुलेशन 2004 के नियम पांच का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट है कि किन लोगों को सरकारी आवास नहीं मिल सकता। इसमें यह भी है कि जिन नेताओं के पास संबंधित शहर में अपना घर है वह सरकारी आवास का हकदार नहीं।
अपना आवास है तब भी सरकारी बंगलों पर जमाए कब्जा
उन्होंने कहा कि एस्टेट विभाग ने जिन 48 नेताओं की सूची दी है, उनमें से कई ऐसे हैं जिनका जम्मू या कश्मीर में अपना घर है। ऐसे में ये लोग सरकारी आवास पाने के योग्य ही नहीं थे। इसके बावजूद उन्हें सरकारी बंगले दिए गए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एस्टेट विभाग की ओर से दोहरा रवैया अपना रहा है।
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200 नेताओं से बंगले व क्वार्टर खाली नहीं कराए गए
जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार खत्म होने के बाद विभाग ने पूर्व विधायकों व पूर्व मंत्रियों समेत 200 नेताओं से बंगले व क्वार्टर खाली करवाए थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। वहीं, इन 48 नेताओं से बंगले खाली नहीं करवाए गए। पूरे मामले पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि इसमें कोई भी फैसला देने से पहले स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
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