जम्मू कश्मीर बनेगा खेल गतिवधियों का नया केंद्र, इस दिशा में हो रहा है काम
प्रदेश में पहले साल में सिर्फ दो-तीन लाख युवाओं को ही खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका मिलता था। गत वर्ष सरकार ने नया रिकार्ड बनाते हुए जम्मू कश्मीर के 17.5 लाख युवाओं को खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका दिया।
By Jagran NewsEdited By: Vikas AbrolUpdated: Wed, 05 Oct 2022 10:38 PM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर सरकार प्रदेश को खेल गतिविधियों का नया केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। खेल प्रतिभा का सामने लाने के लिए प्रदेश में खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा रहा है।पिछले तीन सालों में जम्मू कश्मीर में खेलों के विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में कार्रवाई हुई है। नई खेल नीतियों से सरकार ने खिलाड़ियों के लिए ऐसा माहौल बनाया है जो पिछले सत्तर सालों में नही बन पाया था।
प्रदेश में पहले साल में सिर्फ दो-तीन लाख युवाओं को ही खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका मिलता था। गत वर्ष सरकार ने नया रिकार्ड बनाते हुए जम्मू कश्मीर के 17.5 लाख युवाओं को खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका दिया। अब सरकार ने प्रदेश के 35 लाख युवाओं को खेल गतिविधियों में शामिल होने का अवसर देने का लक्ष्य तय किया है। बख्शी स्टेडियम को फिफा के स्टेंडर्ड के आधार पर तैयार किया गया है। इसके सांथ पंचायत स्तर पर खेल मैदान बनाए गए हैं। प्रदेश के सभी बीस जिलों में महिलाओं की रगबी, फुटबाल, क्रिकेट, वालीबाल, कबड्डी व हाकरी टीमें तैयार की जा रही हैं। प्रदेश में खिलाड़ियों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए नई खेल नीति बनाई गई है।
खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए वर्ष 2014 से 2021 तक के मामलों का निपटारा किया गया है। प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए 40 खेल मैदान तैयार किए गए हैं। विभिन्न खेलों के लिए 38 खेलो इंडिया केंद्र बनाने गए हैं। इस समय प्रदेश में 948 खेलों के बुनियादी ढांचे संबंधी प्रोजेक्ट जारी हैं। इसके साथ खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए माई यूथ, माई प्राइड अभियान के तहत कश्मीर में 22 व जम्मू संभाग में 18 खेल, कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।खेल नीति के तहत ओल्मपिक, एशियन खेलों, कामनवेल्थ खेलों के पदक विजेताओं को एक लाख से एक करोड़ रूपये तक इनाम देने का प्रावधान है। इसके साथ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, नेशनल स्कूल गेम्स के विजेताओं को छात्रवृत्ति देने का भी प्रावधान है। इसके साथ विशेष दिव्यांग खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पूरी कोशिश हो रही है कि अधिक से अधिक युवाओं को खेल मैदानों में लाया जाए।
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