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J&K: चंद दिनों में लागू हो जाएगी आचार संहिता, जम्मू कश्मीर में एक दिन में 445 नागरिक प्रशासन व पुलिस अधिकारी बदले

शायद ही जम्मू कश्मीर में बीते 20 वर्ष में एक सप्ताह के भीतर इस तरह से बड़े पैमाने पर तबादले हुए हों। तबादलों से वे अधिकारी हिल गए हैं जो अपने प्रभाव और किन्हीं अन्य कारणों से एक ही जगह या एक ही शहर में एक लंबे समय से डटे थे। 45 अधिकारियों के तबादले बीते 24 घंटों में हुए हैं।

By naveen sharma Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Thu, 01 Feb 2024 11:37 PM (IST)
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जम्मू कश्मीर में एक दिन में 445 नागरिक प्रशासन व पुलिस अधिकारी बदले

नवीन नवाज, जम्मू। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगले चंद दिन में जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। जम्मू कश्मीर प्रशासन भी चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है। इसके तहत एक सप्ताह में पुलिस और नागरिक प्रशासन के करीब 700 अधिकारियों के तबादले किए जा चुके हैं। इनमें 445 अधिकारियों के तबादले बीते 24 घंटों में हुए हैं। 

20 सालों में पहली बार एक सप्ताह में हुए तबादले

शायद ही जम्मू कश्मीर में बीते 20 वर्ष में एक सप्ताह के भीतर इस तरह से बड़े पैमाने पर तबादले हुए हों। तबादलों से वे अधिकारी हिल गए हैं जो अपने प्रभाव और किन्हीं अन्य कारणों से एक ही जगह या एक ही शहर में एक लंबे समय से डटे थे। यह सामान्य नहीं है, लेकिन असामान्य लोकतंत्र के सबसे बड़े जश्न को उल्लासित और विवाद रहित बनाने की उपराज्यपाल प्रशासन की संकल्पबद्धता को साबित कर रहा है।

एक ही दिन में 445 अधिकारियों के स्थानांतरण

वीरवार को एक ही दिन में 445 अधिकारियों के स्थानांतरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय वन सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अलावा जम्मू कश्मीर प्रशासन सेवा (जेकेएएस) व 88 डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। प्रदेश प्रशासन द्वारा क्रम में जारी किए आदेश अनुसार 100 जेकेएएस, 45 जेकेएएस, 85 जेकेएएस, 127 तहसीलदार के अलावा 85 डीएसपी शामिल हैं।

राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करेंगे लोकसभा चुनाव

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार यह तबादले इन चुनावों को पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वासपूर्ण माहौल में संपन्न कराने की प्रक्रिया का हिस्सा है। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जिस लोकतंत्र को मजबूत बनाने, जम्मू कश्मीर की जनता को प्रशासनिक मशीनरी के तथाकथित दुरुपयोग से मुक्त चुनावी प्रक्रिया का यकीन दिलाया था। आगामी चुनाव उस संकल्प का पहली बोर्ड परीक्षा कहे जाएंगे। बीते पांच वर्ष के दौरान प्रदेश में बीडीसी और डीडीसी के चुनाव हुए हैं, लेकिन प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले लोकसभा चुनाव पहली बार हो रहे हैं।

तबादले चुनावी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे 

जम्मू कश्मीर मामलों के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि वर्ष 1996 के बाद से लगातार जम्मू कश्मीर के विभिन्न मामलों को करीब से देख समझ रहा हूं। मैंने कभी चुनाव के समय भी इतना बड़ा प्रशासनिक फेरबदल नहीं देखा है। यह एक तरह से प्रशासनिक मशीनरी की ओवरहालिंग जैसा लग रहा है। कुछ दिनों के दौरान हुए तबादलों केा देखेंगे तो शायद ही कोई अधिकारी या विभाग अछूता रहा है। हर वह अधिकारी और कर्मी इन तबादलों की सूची में शामिल है,जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से चुनावी प्रक्रिया में अनावश्यक प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता था। 

तबादले चुनावी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे

अब वह उन इलाकों और विभागों में भेजे हैं जहां वह किसी उम्मीदवार या दल विशेष की चाहकर मदद नहीं कर पाएंगे बल्कि चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से सुरक्षित वातावरण में संपन्न कराने में सहयोग करते हुए नजर आएंगे। इससे उन इलाकों में भी मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा जो अतीत में चुनाव बहिष्कार के लिए कुख्यात रहे हैं। पहले यहां चुनाव के समय कई अधिकारी और कर्मी विभिन्न राजनीतिक दलों के एजेंट और प्रचारक बनते नजर आते थे या फिर राजनीतिक दलों के साथ नजदीकियां बढ़ाकर चुनाव बाद अपने लिए इनाम की तैयारी कर रहे होते थे। यह तबादले चुनावी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे।

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