J&K Election: विस्थापितों ने भविष्य संवारने का नहीं गंवाया मौका, वोट देने के बाद आंखों में थे खुशी के आंसू
जम्मू-कश्मीर में पहली बार मतदान करने वाले पाकिस्तानी विस्थापितों में खुशी का माहौल है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उन्हें स्थायी निवासी का दर्जा मिला है जिससे उन्हें मतदान करने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने और जमीन खरीदने का अधिकार मिल गया है। युवाओं का कहना है कि अब उनके परिवार के लोग आवंटित जमीनों के मालिक बन गए हैं।
पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में खुशी
मैं भले ही छोटा हूं और अभी मेरा वोट नहीं बना, लेकिन असल आजादी को महसूस कर सकता हूं। घर में पहले अक्सर बातें होती थी कि हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। आज मतदान करने वाले अपने भाइयों को देखकर मैं भी बहुत खुश हूं। -दक्ष राजवीर, विद्यार्थी
'भविष्य की खुशी के लिए मतदान किया'
मतदान करके बाहर निकले युवाओं का कहना था कि उन्होंने सुरक्षित भविष्य की खुशी के लिए मतदान किया है। पहले हमें अपने भविष्य की चिंता रहती थी, लेकिन अब हम जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां जमीन भी खरीद और बेच सकते हैं। कई लोग हक पाने के इंतजार में बुजुर्ग हो गए।मैं 12वीं पास हूं। लंबे समय तक हम तनाव में रहे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हमारा कोई भविष्य नहीं था। कितना भी पढ़ लो मगर यहां की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे। दूसरी तमाम पार्टियों ने अपनी मजबूरियां गिनाईं कि वे अनुच्छेद 370 के कारण हमें हक नहीं दे सकते। केंद्र सरकार ने जब 2019 में इस अनुच्छेद को खत्म किया तो हमारी झोली खुशियों से भर गई। -शिवा चौधरी, विद्यार्थी
विभाजन के बाद पहली बार किया मतदान
हमारा परिवार पाकिस्तान के हेल जट्टां से यहां आया। हमारे बुजुर्ग लोगों ने यहां काफी तकलीफ झेली। मानवता के आधार पर ही जम्मू-कश्मीर का हमें स्थायी निवासी बनाया जाना चाहिए था। आखिरकार अब हमें मौका मिला है। अब हमारे पास शिक्षा, रोजगार और कारोबार के लिए सारे अधिकार हैं। - गौरव चौधरी, विद्यार्थी
यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir Election: टूट गया अलगाववाद की सियासत का चक्रव्यूह, जीता लोकतंत्रहमारे लिए आज का दिन दीपावली के पर्व जैसा है। मैं जब पिछले दिनों की याद करता हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि किस तरह हमारे बुजुर्गों ने मुश्किलें झेलीं। उनको न ही वोट का अधिकार था और न ही संपत्ति खरीदने का। अब हम जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी हैं। -बिक्रम सिंह, कारोबारी