जम्मू-कश्मीर चुनाव: अंतिम चरण में करीब 67 फीसदी मतदान, EVM में कैद 415 प्रत्याशियों का भविष्य; 8 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
जम्मू-कश्मीर चुनाव के अंतिम चरण में करीब 67 फीसदी मतदान हुआ जिससे 415 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया। मतदाताओं के उत्साह ने अलगाववाद की सियासत को ध्वस्त कर दिया और प्रदेश में लोकतंत्र की नई कहानी लिख दी। तीसरे चरण में जम्मू संभाग की 24 और कश्मीर की 16 सीटों पर मतदान हुआ। सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं के उत्साह ने अलगाववाद की सियासत के चक्रव्यूह को ध्वस्त कर दिया और प्रदेश में लोकतंत्र की नई कहानी लिख दी। लोकतंत्र का उत्सव मनाने के लिए मतदाता उमड़ पड़े। कठुआ से लेकर जम्मू तक अंतरराष्ट्रीय सीमा और उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा तक मंगलवार सुबह से मतदाताओं में खासा उत्साह दिखा।
67 प्रतिशत से अधिक हुआ मतदान
सुबह से ही मतदान केंद्रों पर कतार दिखने लगी। कोई बैंड-बाजे के साथ पहुंचा और कोई सब काम छोड़ लोकतंत्र के उत्सव में शामिल हुआ। तीसरे व अंतिम चरण में 67 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। तीसरे व अंतिम चरण में 40 सीटों पर 415 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।
जम्मू संभाग की 24 और कश्मीर की 16 सीटों पर मतदान हुआ। अलगाववादी सैयद अली गिलानी के गढ़ सोपोर से लेकर नियंत्रण रेखा से सटे गुरेज में भी ऐसा ही उत्साह दिखा।
बंटवारे के समय पाकिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में बसे नागरिकों के अलावा वाल्मीकि और गोरखा समुदाय के लोगों ने पहली बार वोट डाला है। सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर कतार लगी कतार शाम तक देखने को मिली।इस दौरान किसी प्रकार की ¨हसा का समाचार नहीं है। बांडीपोर में दो राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। अन्यत्र मतदान पूरी तरह से सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। पूरे निर्वाचन क्षेत्र में कहीं भी चुनाव बहिष्कार और आतंकी हिंसा का साया नजर नहीं आया।
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तीसरे चरण पर सबका फोकस जम्मू पर था। यहां 90 सीटों में 40 पर मतदान हुआ। इसमें 24 सीटें जम्मू, सांबा, कठुआ और ऊधमपुर जिलों की हैं। यह क्षेत्र सामान्य तौर पर भारी मतदान के साथ एकतरफा मतदान के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि सभी दलों ने इस क्षेत्र में पूरी ताकत झोंकी हुई है। शेष 16 सीटें नियंत्रण रेखा से सटे उत्तरी कश्मीर के बांडीपोर, बारामुला और कुपवाड़ा जिलों की है।मतदान में ऊधमपुर आगेमतदान में ऊधमपुर जिला सबसे आगे रहा और यहां करीब 73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान बारामुला में हुआ और यहां करीब 56 प्रतिशत मतदान रहा। अर्थात किसी भी जिले में 50 प्रतिशत से कम मतदान नहीं हुआ।- पहले चरण में मतदान: 61.38
- दूसरे चरण में मतदान: 57.13
- अंतिम चरण में मतदान: 67
जम्मू-कश्मीर चुनाव से यहां लोकतंत्र मजबूत हुआ है और इसकी गूंज इतिहास के पन्नों में सुनाई देगी। साथ ही इस क्षेत्र लोकतंत्र मूल्यों को मजबूती प्रदान करेगी। ऐतिहासिक तौर पर शांतिपूर्वक ढंग से मतदान संपन्न हुआ और लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हुईं।
- राजीव कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त