Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: संस्कृत का केंद्र बनने के लिए फिर तैयार हो रहा जम्मू-कश्मीर

आने वाले समय में बसोहली बनारस की तरह फिर संस्कृत का हब बन सकता है। बसोहली जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है बनारस में भी ज्यादातर विद्वान बसोहली के ही थे।हमें बसोहली को अब जम्मू कश्मीर में कहां पर देखना है इसका लक्ष्य यहां के लोग निर्धारित करें।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 09:34 AM (IST)
Hero Image
प्रदेश में 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के तौर पर संस्कृत को भी शामिल किया जाएगा।
कठुआ, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर में संस्कृत के दिन फिर बहुरने की राह खुलने लगी है। इसकी शुरुआत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को कठुआ जिले के बसोहली से कर दी है। यहां उन्होंने चूड़ामणि संस्कृत संस्थान के नए भवन का शिलान्यास कर दिया है। अभी तक इस संस्थान के पास अपना कोई भवन नहीं था।

उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर और बनारस दोनों ही हमेशा से ही संस्कृत के महान केंद्र रहे हैं। बनारस में अधिकतर विद्वान जम्मू कश्मीर के ही थे, खासतौर पर बसोहली के। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि जम्मू कश्मीर के महिमा को पुनर्जीवित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सभ्यता, मूल्यों को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए अवसर पैदा करें।

बसोहली में चूड़ामणि संस्कृत संस्थान की स्थापना स्वर्गीय डा. उत्तम चंद शास्त्री ने की थी। उपराज्यपाल ने उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस विद्यालय के माध्यम से संस्कृत एवं संस्कृति दोनों को देखने का अद्भुत काम किया है। वे भले ही हमारे बीच आज नहीं है, मगर जो आत्म क्रांति की ऊर्जा की अलख उन्होंने जगाई है, मुझे लगता है कि वे पूरे क्षेत्र को प्रकाशित करेगी। संतुलित विकास के लिए विज्ञान की भी आवश्यकता है, लेकिन प्राचीन एवं आधुनिक शिक्षा का तालमेल होना जरूरी है। जैसे कोरोना काल में भी आधुनिक तकनीक से घर से पढ़ाई करवाई जा रही है।

उपराज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से बसोहली का संस्कृत के प्रचार एवं प्रसार में पूर्व में प्रयास रहा है, अब भी पूरे जम्मू कश्मीर में यहां से ही बड़ी शुरुआत हो रही है। इससे आने वाले समय में बसोहली बनारस की तरह फिर संस्कृत का हब बन सकता है। बसोहली जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, बनारस में भी ज्यादातर विद्वान बसोहली के ही थे। हमें बसोहली को अब जम्मू कश्मीर में कहां पर देखना है, इसका लक्ष्य यहां के लोग निर्धारित करें। इसलिए नई सोच हो और नए फैसले लें।

सरकारी स्कूलों में संस्कृत विषय शुरू करने पर सरकार प्रयासरत: उपराज्यपाल ने अभिभावकों से अपील की कि वह अपने बच्चों से संस्कृत विषय पढऩे के लिए प्रेरित करें। जम्मू कश्मीर सरकार भी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को पास से देखने के लिए सरकारी स्कूलों में भी संस्कृत विषय शुरू करना होगा, ताकि इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को भी चूड़ामणि संस्कृत संस्थान की शिक्षा जैसे अवसर मिल सकें। इसलिए प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में भी संस्कृत विषय शुरू करने के लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के तौर पर संस्कृत को भी शामिल किया जाएगा।

रणजीत सागर झील में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का नींव पत्थर: उपराज्यपाल ने बसोहली में रणजीत सागर झील में वाटर स्पोट्र्स के लिए करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से बने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का नींव पत्थर रखा है। इससे पर्यटकों को आने वाले दिनों में वाटर स्पोट्र्स की सुविधाएं मिलेगी। उक्त भवन प्रधानमंत्री विकास परियोजना के तहत दिसंबर तक होगा पूरा। इससे बसोहली में पर्यटन और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा उन्होंने बसोहली आर्ट गैलरी के भवन का उद्घाटन किया। बनी डिग्री कालेज के भवन का लोकार्पण, जिस पर करीब पौने नौ करोड़ की आई है लागत।  

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।