Jammu: नए साल में स्वास्थ्य और पर्यटन का हब बनने की राह पर जम्मू-कश्मीर, पड़ोसी प्रदेशों के मरीज को भी मिलेगा लाभ
जम्मू-कश्मीर नए साल पर स्वास्थ्य और पर्यटन का हब बनने की ओर है इस साल लोगों को विजयपुर में एम्स भी मिल जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में होम्योपैथिक कॉलेज भी खोला जाएगा जिससे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के साथ ही पड़ोसी राज्यों के भी मरीजों को लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही मानतलाई में अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र भी इसी साल तक खुलने की पूरी संभावना है।
रोहित जंडियाल, जम्मू। नए साल में जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य और पर्यटन का हब बनने की राह पर है। एक ओर जहां जम्मू के विजयपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मरीजों को समर्पित करने की तैयारी है तो वहीं मानतलाई में अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र भी इसी वर्ष मार्च महीने के अंत तक खुलने की पूरी संभावना है।
पर्यटन स्थलों पर हेल्थ और वेलनेस सेंटरों में योग केंद्र खोले जाएंगे तो कैंसर संस्थान में भी पेट स्कैन जैसी सुविधा मरीजों को राहत देगी। कई और स्वास्थ्य केंद्र भी खुलने के लिए तैयार हो रहे हैं, जिनका लाभ न सिर्फ जम्मू-कश्मीर, बल्कि पड़ोसी पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे प्रदेशों के मरीजों को भी होगा।
इस वर्ष सबसे अहम परियोजना विजयपुर एम्स की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन फरवरी, 2019 को इसकी नींव रखी थी। अब इसकी इमारतें लगभग बनकर तैयार है। अब मशीनरी और उपकरण लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसी वर्ष फरवरी तक यह मरीजों को समर्पित करने की तैयारी है। प्रधानमंत्री मोदी ही इसका उद्घाटन भी कर सकते हैं।
किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा भी रहेगी उपलब्ध
प्रथम चरण में 750 बिस्तरों की क्षमता वाले एम्स में हृदय रोग, न्यूरो सर्जरी, हड्डी रोग, कैंसर, किडनी रोगियों सहित कई अन्य बीमारियों का विशेषज्ञ इलाज करेंगे। एम्स प्रबंधन की मानें तो यहां पर मरीजों को सर्जरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किडनी प्रत्यरोपण की सुविधा के अलावा ट्रामा केयर भी एम्स की विशेषता होगी।इसी साल उधमपुर जिले की चिनैनी तहसील में बन रहा अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र भी लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा। वर्ष 2017 में इस केंद्र का काम शुरू हुआ था जो लगभग पूरा हो गया है। प्रकृति की गोद में बसे मानतलाई में भारत से ही नहीं, विदेशों से भी लोग योग करने के लिए आ सकते हैं। यह जगह पहले से ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गुरु रहे धीरेंद्र ब्रह्मचारी के कारण योग के लिए विदेश तक में विख्यात थी। इस परियोजना पर 98 करोड़ के आसपास लागत आई है। यहां की स्वच्छ आबोहवा भी लोगों को आकर्षित करेगी।
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