Jammu Kashmir: सीसीटीवी कैमरे लगाएगी जम्मू-कश्मीर पुलिस, 116 करोड़ रुपये में लगने हैं 3000 कैमरे
केन्द्रीय गृह विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पूरे प्रदेश में तीन हजार सीसीटीवी कैमरों को लगने के लिए 116 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई हैं। पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे और कैमरे में होने वाले हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
जम्मू, दिनेश महाजन: आतंकवाद ग्रस्त जम्मू कश्मीर में सीसीटीवी कैमरों की जरूरत को देखते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस प्रदेश के सभी 22 जिलों में तीन हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही हैं। इस काम के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने इंग्लैंड की एक सलाहकार कंपनी (इरनस्त एंड यंग) से करार किया हैं।
यह कंपनी सभी जिलों का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी जिसमें यह बताया जाएगा कि सीसीटीवी कैमरे कहा लगाए जाने हैं। कैमरे कितनी ऊचांई पर लगाए जाने हैं। किस गुणवत्ता के कैमरों की जरूरत हैं और उनके संचालन बारे जम्मू कश्मीर पुलिस को जानकारी दी जाएगी। कंपनी के इंजीनियर दिसंबर माह में प्रदेश का दौरा करेंगे ताकि वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर पाए। सबसे अधिक कैमरे प्रदेश की दोनों राजधानियों जम्मू और श्रीनगर में लगने हैं।
इसके अलावा करीब तीन सौ किलोमीटर लंबे जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कैमरे लगाए जाने हैं, ताकि आतंकियों और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के बारे में पुलिस को जानकारी मिला। इस कैमरों का संचालन करने के लिए जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जिसमें पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे और कैमरे में होने वाले हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
116 करोड़ रुपये में लगने हैं 3000 सीसीटीवी कैमरे: केन्द्रीय गृह विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पूरे प्रदेश में तीन हजार सीसीटीवी कैमरों को लगने के लिए 116 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई हैं। यह राशि कुछ शर्तों के साथ जारी की जाएगी, जिनका अनुपालन जम्मू कश्मीर पुलिस को करना हैं। इन शर्तों में कैमरों की गुणवत्ता, लगाए जाने के एक वर्ष तक मरम्मत बारे सुनिश्चित करना शामिल हैं।
रखरखाव के अभाव में मौजूदा लगे कैमरे हो चुके हैं बंद: जम्मू पुलिस ने वर्ष 2010 में शहर के विभिन्न चौक चौराहों में 33 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। रखरखाव के अभाव में यह कैमरे खराब होते गए। इतना हीं नहीं इन कैमरों को लगाने के लिए उनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिया गया था। जम्मू शहर में लगाए गए कैमरों में नाइट विजन डिवाइस भी नहीं लगा था, जिससे शाम होते ही यह कैमरे काम करना बंद कर लेते थे। मौजूदा समय में एक से दो कैमरे ही काम कर रहे हैं।