जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल ने गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठनों के खिलाफ कसी नकेल, दिशा निर्देश किए जारी
स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव नुजहत गुल ने सर्कुलर जारी करते हुए जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के संभागीय खेल अधिकारियों और स्क्रीनिंग कमेटी को साफतौर पर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं कि राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अगर कोई गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठन उनसे संपर्क करता है तो उसे साफ तौर पर मना कर दिया जाए।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 06 Jul 2023 08:36 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल ने खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले प्रदेश के तमाम गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठनों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दी है। स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव नुजहत गुल ने सर्कुलर जारी करते हुए जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के संभागीय खेल अधिकारियों और स्क्रीनिंग कमेटी को साफतौर पर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं कि राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अगर कोई गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठन उनसे संपर्क करता है तो उसे साफ तौर पर मना कर दिया जाए।
खिलाड़ियों के तमाम दस्तावेज होते हैं रिकाॅर्ड
स्पोर्ट्स काउंसिल से मान्यता प्राप्त खेल संगठनों की टीमों की स्क्रीनिंग का अधिकार जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के संभागीय खेल अधिकारी और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य को है। राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली टीमों के खिलाड़ियों के तमाम दस्तावेजों का रिकॉर्ड काउंसिल के पास मौजूद रहता है।
प्रतियोगिता हेतु फंड भी जारी करता है काउंसिल
स्पोर्ट्स काउंसिल सोसायटी एक्ट 1860 के तहत मान्यता प्राप्त खेल संगठनों को जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु फंड भी जारी करता है। चूंकि प्रदेश में स्पोर्ट्स काउंसिल से गैर मान्यता प्राप्त कई खेल संगठन अक्सर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में ले जाते हैं और बदले में जब पदक जीतकर लाते हैं तो उन्हें किसी भी तरह की मान्यता नहीं मिलने से पदक विजेता खिलाड़ी और अभिभावकों के पास हाथ मिलाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं रह जाता है।इसके अलावा अभी भी कई ऐसे खेल संगठन हैं जिन्होंने अभी तक सोसायटी एक्ट 1860 के तहत मान्यता प्राप्त नहीं की है।
अभिभावकों का सजग होना बहुत जरूरी
जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव नुजहत गुल का कहना है कि उनके पास जब राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर खिलाड़ी आते हैं और अपने अभिभावकों संग मिलकर उनसे खेल कोटे एसओ 12 के अंतर्गत नौकरी बारे बात करते हैं।जब उन्हें समझाया और बताया जाता है कि आपके द्वारा जीते गए पदक कोई मायने नहीं रखते हैं क्योंकि जिस जिस खेल संगठन के तले आपने राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है वह जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल से मान्यता प्राप्त नहीं है। टीम की न तो स्क्रीनिंग होती है और न ही ऐसे गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठनों के जिला स्तर पर कोई इकाइयां होती हैं। ऐसे में खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों का सजग होना बहुत जरूरी है।
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