Jammu Firing Range: पढ़ रहे थे बच्चे, स्कूल के पास गिरकर फटा फाररिंग रेंज से दागा गया गोला
सेना की फायरिंग रेंज में प्रैक्टिस के दौरान तोप से चलाया गया एक गोला कमदिनी गांव में स्थित मिडिल स्कूल से करीब 50 मीटर पहले गिरकर फटा। इससे स्कूल स्टाफ और बच्चों में डर का माहौल बन गया। इस घटना से ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया।(जागरण फोटो)
संवाद सहयोगी, खौड़: कलीठ इलाके में स्थित सेना की फायरिंग रेंज में प्रैक्टिस के दौरान तोप से चलाया गया एक गोला खौड़ ब्लाक के कमदिनी गांव में स्थित मिडिल स्कूल से करीब 50 मीटर पहले गिरकर फटा। इससे स्कूल स्टाफ और बच्चों में डर का माहौल बन गया।
जब तोप का गोला फटा तो उस समय स्कूल में 60 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। स्कूल के निकट जोरदार धमाके की आवाज सुनकर वहां अफरातफरी मच गई। स्कूल स्टाफ को लगा कि कहीं आतंकी हमला तो नहीं हो गया। कुछ ही देर में वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण भी एकत्र हो गए।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
जब लोगों को पता चला कि सैन्य अभ्यास के दौरान चलाया गया गोला स्कूल के निकट गिरकर फटा है, तो ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। ग्रामीणों का कहना था कि पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं। इसीलिए वे कलीठ क्षेत्र से फायरिंग रेंज को हटाने की मांग करते रहे हैं। उनका कहना है कि जब भी सेना अभ्यास करती है, तो मोर्टार के गोले नाथल गांव के आगे-पीछे गिरते हैं और अब स्कूल के बिल्कुल पास तोप का गोला फटा है।
अगर यह गोला स्कूल पर गिरा होता तो बच्चों और स्कूल स्टाफ की जान भी जा सकती थी। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को समझना चाहिए कि उनके भी परिवार हैं। यदि फायरिंग रेंज से कोई गोला किसी के घर पर गिर जाए तो इसकी कौन जिम्मेदारी लेगा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सेना को किसी और जगह प्रैक्टिस करने की सुविधा मुहैया करवाई जाए।
कम से कम अब तो टूटे प्रशासन की नींद
सरपंच धनीराम ने बताया कि उन्होंने कई बार कलीट फायरिंग रेंज को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। वर्ष 2022 में नाथल गांव में लोगों के घरों के पास गोले गिरे थे, इसके बावजूद प्रशासन ग्रामीणों की मांग नहीं मान रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कई बार ग्रामीणों की तरफ से प्रदर्शन भी किया गया है। कम से कम अब तो प्रशासन को नींद से जाग जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे नहीं हों ।