Jammu-Kashmir: सेना बनी देवदूत! दो नवजात समेत 27 लोगों को निकाला सुरक्षित, बर्फबारी के बाद 24 घंटे अलर्ट मोड पर जवान
Jammu-Kashmir कुपवाड़ा व बांडीपोरा में नियंत्रणा रेख से सटे कई इलाकों का जमीनी संपर्क जिला मुख्यालय समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कट गया है। इन क्षेत्रों में 24 घंटों के दौरान सेना व नागरिक प्रशासन ने दो नवजातों समेत छह मरीजों को हेलीकॉप्टर से अस्पताल तक पहुंचाकर उनकी जान बचाई इस बीच 12 अन्य लोगों को गुरेज व करनाह से बांडीपोरा व कुपवाड़ा पहंचाया गया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हिमपात के बाद जिला कुपवाड़ा व बांडीपोरा में नियंत्रणा रेख से सटे कई इलाकों का जमीनी संपर्क जिला मुख्यालय समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कट गया है। इन क्षेत्रों में 24 घंटों के दौरान सेना व नागरिक प्रशासन ने दो नवजातों समेत छह मरीजों को हेलीकॉप्टर से अस्पताल तक पहुंचाकर उनकी जान बचाई इस बीच, 12 अन्य लोगों को गुरेज व करनाह से बांडीपोरा व कुपवाड़ा पहंचाया गया है।
अलर्ट मोड पर भारतीय सेना
विश्व प्रसिद्ध स्की रिसार्ट गुलमर्ग के ऊपरी क्षेत्र में हिमपात में फंसे नौ सदस्यीय स्की दल को भी सेना के बचाव दल ने सुरक्षित निकाला है। हिमपात से प्रभावित क्षेत्रों में सेना व पुलिस को अलर्ट पर रखा है।बता दें कि प्रदेश प्रशासन ने हिमपात के कारण प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कटने वाले विभिन्न इलाकों में आम लोगों की आवाजाही के लिए सब्सिडी पर हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध करा रखी है। यह सेवा जिला कुपवाड़ा व जिला बांडपोरा के अलावा जिला बारामुला के कुछ हिस्सों के लिए उपलब्ध है।
12 लोगों को हेलीकॉप्टर की सहायता से जिला मुख्यालय लाया गया
यह सेवा मुख्यत: एलओसी से सटे इलाकों के लिए है। सेना भी आपात परिस्थितियों में स्थानीय ग्रामीणों को आवश्यक्तानुरूप हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध कराती है।कुपवाड़ा में हेली सेवा के लिए प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी मुदस्सिर सिकंदर ने बताया कि टंगडार और करनाह में एलओसी से सटे इलाकों से 12 लोगों को हेलीकाप्टर के जरिए यहां जिला मुख्यालय में लाया है। इनमें छह मरीज हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा चाहिए थी। इनमें दो नवजात शिशुओं के अलावा दो गर्भवती महिलाएं हैं।
चारपाई पर ले जाकर कर रहे रेस्क्यू
इस बीच, सेना के जवानों ने करनाह में एलओसी से एक गांव से एक 27 वर्षीय महिला को पहले उसके घर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान की। उक्त महिला के सीने में तेज दर्द हो रहा था और वह दर्द से छटपटा रही थी। सैन्य डॉक्टर ने उसे प्राथमिक उपचार प्रदान किया और उसके बाद सेना के जवानों के एक दस्ते ने उसे चारपाई पर लिटाया और कंधों पर लेकर पैदल ही बर्फ में चार किलोमीटर दूर हैलीपैड पर पहुंचे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।