जम्मू-कश्मीर में खानाबदोश आबादी की गिनती शुरू, अपनी तरह का पहला सर्वे, 31 जुलाई तक होगा पूरा
जनजातीय मामले विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने वीरवार को इस सिलसिले में जिला नोडल अधिकारियों मुख्य योजना अधिकारियों जिला सांख्यिकी व योजना अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों संग एक बैठक भी की।संबंधित सर्वे से जुड़े विभिन्न कार्याें को पूरा करने की समय सीमा भी तय की गई है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले खानाबदोश समुदाय के लोगों की गणना और सर्वे वीरवार को शुरू कर दिया है। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला सर्वे है जो खानाबदोश समुदाय के लोगों के सामाजिक-आॢथक उत्थान में एक अहम भूमिका निभाते हुए उनके कल्याण की योजनाओं को तैयार करने व उनके लिए निधियों के आवंटन का आधार भी बनेगा। यह सर्वे 31 जुलाई 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने अपने 30 मई के अंक में ही जम्मू कश्मीर में खानाबदोश समुदायों के सर्वे और उनकी गणना शुरू किए जाने की जानकारी दी थी। जम्मू कश्मीर में गुज्जर, बक्करवाल, गद्दी, सिप्पी समुदाय ही मुख्य तौर पर खानाबदोश की जिंदगी व्यतीत करता है। यह समुदाय मुख्य तौर पर भेड़, बकरी, गाय-भैंस और घोड़े पालते हैं। सर्दी में यह निचले इलाकों में और गर्मी में पहाड़ों पर चले जाते हैं।
जनजातीय मामले विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने वीरवार को इस सिलसिले में जिला नोडल अधिकारियों, मुख्य योजना अधिकारियों, जिला सांख्यिकी व योजना अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों संग एक बैठक भी की। जनजातीय विभाग यह जनगणना और सर्वे जिला प्रशासन, जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के सहयोग से कर रहा है। बैठक में संबंधित सर्वे से जुड़े विभिन्न कार्याें को पूरा करने की समय सीमा भी तय की गई है।
डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह अंतर जिला, अंतर संभाग और अंतरराज्यीय खानाबदोश समुदाय को कवर करेगा। करीब 14 माइग्रेटरी रूट चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले जिलों के लिए विभाग ने नकद इनाम और स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक की व्यवस्था भी की है। मुख्य योजना अधिकारियों, जिला सांख्यिकी अधिकारियों को उनके कार्यप्रदर्शन के आधार पर 50 हजार, 30 हजार और 20 हजार के नकद इनाम के अलावा एक प्रशस्ति पत्र और स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वे 31 जुलाई 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जनजातीय विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया करने के लिए और जनजातीय समुदायों की मदद के लिए तीन करोड़ रुपये का बजट भी तय किया है।
एक समान सर्वे में यह जानकारी जुटाई जाएगी: सभी जिलों में सर्वे के लिए एक समान प्रपत्र तैयार किया गया है, जिस पर खानाबदोश समुदाय के लोगों के एक इलाके से दूसरे इलाके में जाने के रास्ते, परिवारों की स्थिति, किस परिवार में कितने सदस्य हैं, उनमें से कितने पढ़े लिखे हैं, पुरुष और महिलाओं की संख्या, उनके स्वास्थ्य व परिवार द्वारा पाले जाने वाले जानवरों की संख्या, उनके कौशल संबंधी विभिन्न विषयों की विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी।
प्रत्येक खानाबदोश का स्मार्ट कार्ड बनेगा: खानाबदोश समुदाय के सर्वे के पूरे रिकार्ड को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। प्रत्येक खानाबदोश का एक स्मार्ट कार्ड बनाया जाएगा, जिसमें उसके पूरे परिवार का जिक्र होगा। यह स्मार्ट कार्ड जनजातीय और खानाबदोश समुदाय के लिए समय समय पर लागू की जाने वाली योजनाओं का लाभ भी संबंधित व्यक्ति को सुनिश्चित बनाने में काम आएगा।