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AIIMS In Jammu : एम्स में अगले महीने से ओपीडी शुरू करने के निर्देश, 61 फीसदी भौतिक कार्य पूरा

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रमुख संस्थान के आयुष ब्लाॅक में अगले माह से ओपीडी शुरू हो जानी चाहिए तथा उन्होंने सितंबर 2023 तक काम पूरा करने का आह्वान किया।डॉ. मेहता ने एम्स के परिसर में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 10:27 AM (IST)
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अगले महीने से आयुष ब्लाक में ओपीडी शुरू हो जानी चाहिए।(File Photo)

जम्मू, राज्य ब्यूरो : मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने शुक्रवार को विजयपुर में एम्स जम्मू का दौरा किया और विकास कार्यों की गति का जायज़ा लिया। उन्हें बताया गया कि संस्थान ने 61 फीसदी भौतिक कार्य पूरा कर लिया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रमुख संस्थान के आयुष ब्लाॅक में अगले माह से ओपीडी शुरू हो जानी चाहिए तथा उन्होंने सितंबर 2023 तक काम पूरा करने का आह्वान किया।डॉ. मेहता ने एम्स के परिसर में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया। एम्स में ओपीडी शुरू करने को लेकर अभी असमंजस ही बना हुआ था। हालांकि एम्स के लिए फैकल्टी सदस्यों का चयन कर लिया गया है। लेकिन एम्स प्रशासन मार्च महीने में इसका उदघाटन करवाने का प्रयास कर रहा है। उसी दिन से ओपीडी शुरू करने पर भी विचार हो रहा था। लेकिन मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले महीने से आयुष ब्लाक में ओपीडी शुरू हो जानी चाहिए।

अब पीएचसी बराकपोरा होगा अर्बन ट्रेनिंग सेंटर : स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बराकपोरा को राजकीय मेडिकल कालेज अनतंनाग का अर्बन ट्रेनिंग सेंटर बनाया है। पहले प्राथमिक चिकित्सा केंद्र मट्टन ट्रेनिंग सेंटर था। इस फैसले के बाद अब प्राथमिक चिकित्सा केंद्र मट्टन का प्रशासनिक नियंत्रण स्वास्थ्य निदेशालय कश्मीर के पास चला गया है जबकि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बराकपोरा का प्रशासनिक नियंत्रण राजकीय मेडिकल कालेज अनतंनाग के पास आ गया है।

नर्सिंग स्टाफ के कौशल और प्रबंधन विकास के लिए प्रशिक्षण : जम्मू-कश्मीर के विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ और टयूटरों के प्रबंधन विकास का जिम्मा अब अस्पताल प्रशासन अकादमी ने संभाल लिया है। इसी के तहत प्रदेश के कई अस्पतालों में काम कर रही नर्सिस और टयूटर के लिए दो दिवीय कार्यशाला आचार्य श्री चंद्र कालेज आफ मेडिकल सांइसेस सिदड़ा में शुरू हुई। इसमें उन्हें चिकित्सा लापरवाही, मरीजों के साथ बेहतर संपर्क, महिला सशक्तिकरण और विकास, अस्पताल में इंफेक्शन से बचाव में नर्सिंग स्टाफ की भूमिका, अस्पतालों में नर्सिंग प्रबंधन को लेकर कानूनी मुद्दों सहित कई विषयों पर जानकारी दी जा रही है।

दो दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ एस्काम में हुआ। इसमें मिलिट्री अस्पताल, बीएसएफ, सीआरपीएफ के अस्पतालों, मेडिकल कालेज जम्मू, राजौरी, कठुआ, सभी जिला अस्पतालों से कुल 135 नर्सिंग स्टाफ और टयूटर ने भाग लिया। न्यू मेडिकल कालेजिस और नर्सिंग इंस्टीटयूट के डायरकेक्टर डा. यशपाल शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी। इसका लाभ मरीजों को ही होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन अकादमी के पास हर क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और यह इन सदस्यों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ अस्पतालों की रीढ़ की हड्डी है। इसीलिए उनके लिए विशेष रूप से कोर्स डिजाइन किया गया है। एस्काम के डायरेक्टर डा. पवन मल्होत्रा ने उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम से नर्सिंस के कौशल विकास में बढ़ावा मिलेगा।

मैट्रनिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण कुमार शर्मा और सादिक खान ने मंच का संचालन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीएन नर्सिंग इंस्टीटयूट की प्रिंसिपल नीतू भटनागर, महिला कालेज परेड में एसोसिएट प्रोफेसर डा. रितु मगोत्रा, महिला कालेज परेड से डा. सोनिया खजूरिया, नारायणा अस्पताल से शैलेजा, नर्सिंग कालेज अनतंनाग से लोजिया फारूक, एस्काम कालेज आफ नर्सिंग में प्रिंसिपल डा. इंदिरा मोजा, मिलिट्री अस्पताल सतवारी से ले.कर्नल अलक थामस रिसोर्स पर्सन हैं।

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