Jammu Kashmir: सेंसर की एक बीप पर पांच मिनट में दुश्मन पर प्रहार करेगी सेना की QRT, ऐसे करती है काम
स्वतंत्रता दिवस को सुरक्षित बनाने के लिए इस समय सैनिक नींद भूख प्यास को भूल कर दुश्मन पर त्वरित प्रहार करने का एक मौका तलाश रहे हैं। देश की खातिर मर मिटने का जज्बा रखने वाले ये सैनिक हर दिन यह तैयारी करते हैं कि दुश्मन से सामना होने पर उसे जिंदा वापस नही जाने देंगे। नियंत्रण रेखा पर फैंसिंग के साथ आधुनिक उपकरणों की एक अदृश्य दीवार है।
विवेक सिंह, जम्मू: आधुनिक यंत्रों से नियंत्रण रेखा की सुरक्षा को अभेद बनाने के अभियान के बीच स्मार्ट फैंसिंग पर प्रासिमिटी सेंसर की एक बीप पर 5 मिनट के अंदर पाकिस्तानी घुसपैठिए पर मारक प्रहार होगा। पाकिस्तानी साजिशों को नकार स्वतंत्रता दिवस को सुरक्षित बनाने के लिए इस समय जम्मू संभाग में भारतीय सैनिक के उच्च मनोबल के साथ आधुनिक तकनीक भी काम आ रही है।
दुश्मन घुसपैठ की ताक में है। नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों की मौजूदगी के संदेश पकड़े जा रहे हैं। ऐसे में हाई अलर्ट के चलते अखनूर के प्लांवाला सेक्टर के लोआखी खड्ड अग्रिम इलाके में स्मार्ट फैंसिंग पर लगे आधुनिक यंत्र भारतीय सैनिक की मारक क्षमता को और बढ़ा रहे हैं। जवान उच्च्तम स्तर की सर्तकता बरत रहे हैं, ऐसे में स्मार्ट फैंसिंग के किसी भी हिस्से में एक बीप पर हरकत में आने वाली सेना की क्विक रिएक्शन टीम, आल टिरेन व्हीकल (एटीवी) पर पांच मिनट में मोर्चा संभालने पहुंच जाती है।
स्वतंत्रता दिवस को सुरक्षित बनाने के लिए इस समय सैनिक नींद, भूख, प्यास को भूल कर दुश्मन पर त्वरित प्रहार करने का एक मौका तलाश रहे हैं। देश की खातिर मर मिटने का जज्बा रखने वाले ये सैनिक हर दिन यह तैयारी करते हैं कि दुश्मन से सामना होने पर उसे जिंदा वापस नही जाने देंगे। दुश्मन को इसका अंदाजा नहीं है कि नियंत्रण रेखा पर फैंसिंग के साथ आधुनिक उपकरणों की एक अदृश्य दीवार है।
दुश्मन की हरकर पर रखते हैं नजर
कई प्रकार के सेंसर्स, हाई डेफीनेशन कैमरों की मदद से कंट्रोल रूप में बैठे सैनिक दिन, रात टीवी पैनल पर सीमा पार की हरकत को साफ देखते हैं। घुसपैठ की स्थिति में सेंसर उस जगह की पहचान करता है यहां हरकत हुई है, इसके साथ पास स्थित सेना क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी )का कार्रवाई करने का संदेश चला जाता है। इसके बाद पलक झपकते ही घुसपैठियों के सिरों पर मौत मंडराती है। स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के उपकरणों के साथ थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर आप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार जैसे हाईटेक उपकरण भी हैं।
बरसात के मौसम में सैनिकों का जीवन और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। उमस भरी गर्मी में यहां लोग एयर कंडीशन कमरे से बाहर निकल कर राजी नही है, वहीं लोआखी खडड् के जलीय क्षेत्र में भारी गर्मी के बीच सैनिक की दिनचर्या कीचड़, उबड़ खाबड़ इलाकों में पेट्रोलिंग, चुनाैतियों का सामना करने की ड्रिल व दुश्मन से दो कदम आगे रहने के संकल्प के साथ होती है।
बरसात के दिनों में घास भी बड़ी हो जाती है, ऐसे में सर्तकता के स्तर को और बढ़ाना जरूरी है। सैनिकों ने देश विराेधी तत्वों के मंसूबों को नकारने के लिए अपनी रोज की रूटीन रविवार को उनके बीच पहुंचे मीडिया कर्मियों से साझा की। इस दौरान हाथ में बंदूक लेकर बला की फुर्ति दिखाने वाले सैनिकों के चेहर पर यह भाव स्पष्ट था कि वे रात के अंधेरे में दुश्मन की आहट पर भी निशाना लगा सकते हैं।
जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्ननल सुनील बर्तवाल का कहना है कि नियंत्रण रेखा की सुरक्षा में तैनात भारतीय सैनिक बुलंद हाैसले के प्रतीक हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य यही है कि किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। नियंत्रण रेखा पर स्मार्ट फैंसिंग व आधुनिक उपकरण इन सैनिकों के जज्ब को और बल दे रहे हैं।